धरती पर बड़े से बड़े पर्वत, खनिज और अरबों जीव-जंतु से लेकर हम और आप टिके हुए हैं. जिनका वजन मापना लगभग नामुमकिन सा लगता है, ऐसे में क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि जिस धरती पर येे सभी टिके हुए हैं आखिर उसका वजन कितना होगा? यदि नहीं तो चलिए आज जान लेते हैं.


कितना है धरती का वजन?
धरती का वजन कितना होगा येे सवाल हर किसी केे मन में जागता है, लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो पृथ्वी का वजन उस पर लगने वाले गुुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है, जो अरबों किलो तक हो सकता है. लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी का वजन 5.9722×1024 किलोग्राम या लगभग 13.1 सेप्टिलियन पाउंड है. ये मिस्त्र के पिरामिड से लगभग 13 क्वाड्रिलियन के बराबर है. जो लगभग 4.8 बिलियन किलोग्राम वजनी हैै. 


अंतरिक्ष की धूल और हमारे वायुमंडल से निकलने वाली गैसों के कारण पृथ्वी के द्रव्यमान में थोड़ा उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन ये छोटे परिवर्तन अरबों वर्षों तक पृथ्वी को प्रभावित नहीं करते. फ‍िर भी लोग इसे 6,000,000,000,000,000,000,000,000 क‍िलो मानकर चलते हैं.


किसी एक पैमाने पर मापना असंभव?
दुनियाभर के भौतिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती को किसी भी एक पैमाने पर मापना सभंव नहीं हैै. जिसकी वजह धरती पर अलग-अलग जगह लगने वाला गुुरुत्वाकर्षण है. दरअसल इसी बल से तापमान तय होता है. सर आइजैक न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम केे अनुसार, प्रत्येक वस्तु जिसमें द्रव्यमानन होता है, उसमें गुरुत्वाकर्षण बल भी होता है. जिसका मतलब है कि किसी भी दो वस्तुुओं के बीच हमेशा कुछ बल होना. दरअसल वजन एक बल है, जिसे मापने के लिए हमेशा गुरुत्वाकर्षण बल की जरुरत होती हैै. वहीं पृथ्वी का द्रव्यमान एक स्थिरांक है. इसलिए पृथ्वी का वजन मापने केे लिए हमें ये जानना होगा कि किस क्षेत्र में आप उसका वजन मापना चाहते हैं और वहां गुरुत्वाकर्षण कैसा है.               


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