पाकिस्तान में 8 फरवरी को मतगणना होनी है, जिसके लिए लगभग 21 क्विंटल वेलट पेपर तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की लोकसभा और राज्यसभा से पाकिस्तान का निचला सदन और उच्च सदन कितना अलग है और उनके नाम क्या हैं. यदि नहीं तो चलिए इस स्टोरी मेें जानते हैं.


पाकिस्तान में लोकसभा और राज्यसभा को क्या कहते हैं
बता दें भारत की लोकसभा की तरह पाकिस्तान में राष्ट्रीय असेंबली यानी कौमी असेंबली काम करती है. पाकिस्तान में ससंद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है. वहीं भारत की तरह पाकिस्तान में भी लोकसभा और राज्यसभा कार्य करती है. हालांकि पाकिस्तान में उन्हें अलग नामों से जाना जाता है. जैसे भारत में निचले सदन को लोकसभा और उच्च सदन को राज्य सभा कहते हैं. वहीं पाकिस्तान में निचले सदन यानी राष्ट्रीय असेंबली को कौमी इस्म्बली और उच्च सदन यानी सीनेट को आइवान-ए बाला कहा जाता है.


पाकिस्तान की संसद कैसे करती है काम
पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली यानी कौमी असेंबली लोकसभा की तरह ही कार्य करती है. हालांकि भारत की संसद में राष्ट्रपति संसद का हिस्सा नहीं होता और यहां राष्ट्रपति भी संसद का हिस्सा होता है. पाकिस्तान की दोनों सदनों में राष्ट्रपति शामिल होता है. 


बता दें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य होते हैं, जिसमें सिर्फ 272 ही प्रत्यक्ष मतदान के लिए चुने जाते हैं. वहीं बाकी के 70 उम्मीदवारों के लिए चुनाव नहीं होता. इसकेे अलावा यहां 10 सीटें ऐसी होती हैं जो पाकिस्‍तान के पारंपरिक और धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं. इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व के नियम के तहत किया जाता है.


आइवान-ए-बाला कैसे करती है काम
पाकिस्तान की आइवान--ए-बाला भारत की राज्यसभा की तरह ही काम करती है, जिसे सीनेट भी कहा जाता हैै. ये कभी भंग नहीं होती, हालांकि समय-समय पर इसके सदस्य जरुर बदलते रहते हैं. यहां के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है. आइवान-ए-बाला के पास कई विशेष अधिकार होते हैं. जो नेशनल असेंबली के पास भी नहीं होते. 


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