आज पृथ्वी पर जो चीज जैसी दिख रही है, हजारों-लाखों वर्षों पहले वह वैसी नहीं थी. यानी धरती पर मौजूद चीजों का स्वरूप समय-समय पर बदलता रहता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती अब फिर से बदलाव की ओर आगे बढ़ रही है. अब सवाल उठता है कि आखिर धरती पर क्या बदलाव होने वाला है. इससे भी बड़ा सवाल ये कि क्या धरती के इस बदलाव का असर इंसानों पर भी पड़ेगा.
वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं
वैज्ञानिक धरती के जिस बदलाव की बात कर रहे हैं, वह पृथ्वी पर विनाश ला सकता है. दरअसल, हाल ही में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के एलेक्जेंडर फार्न्सवर्थ के नेतृत्व में नेचर जियोसाइंस में भविष्य के सुपरकॉन्टिनेंट और दूसरे जलवायु परिवर्तनों के प्रभाव का पता लगाने के लिए एक शोध किया. इसी शोध में पता चला कि धरती पैंजिया अल्टिमा (Pangaea Ultima) से गुजरने वाली है.
पैंजिया अल्टिमा है क्या
पैंजिया अल्टिमा एक सिद्धांत है जो भविष्य में पृथ्वी के महाद्वीपों के पुनः एक साथ हो जाने की प्रक्रिया की बात करता है. यह एक काल्पनिक परिकल्पना है, जो विशेष रूप से महाद्वीपीय विस्थापन (plate tectonics) के सिद्धांत पर आधारित है. दरअसल, करोड़ों साल पहले पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक साथ हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ ये एक दूसरे से अलग हो गए. पैंजिया अल्टिमा थ्योरी कहती है कि इतिहास अपने आप को दोहरा सकता है और करोड़ों साल बाद पृथ्वी के महाद्वीप फिर से एकजुट हो सकते हैं.
अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा
अगर ऐसा हुआ तो इंसानों के लिए पृथ्वी पर जीवित रहना लगभग असंभव हो जाएगा. दरअसल, जब ऐसा होगा तब दो महाद्वीप आपस में टकराएंगे तो पूरी धरती पर इतनी तेज भूकंप महसूस होगी, जो आज से पहले कभी नहीं हुई होगी, इसके अलावा समुद्र में ऐसा सुनामी आएगी कि सब कुछ तबाह हो जाएगा. ऐसा होने से धरती पर कई जगह हिमालय जैसे ऊंचे-ऊंचे पहाड़ बन जाएंगे, जो धरती के वातावरण को बदल देंगे. हो सकता है कि इतनी तबाही के बाद भी कुछ इंसान बच जाएं, लेकिन ये तो तय है कि जिस दिन ऐसा हुआ धरती से अरबों की संख्या में जीवों का सफाया हो जाएगा.
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