VIP और VVIP, आपने अक्सर ये शब्द सुने होंगे. वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के साथ उत्तम व्यवहार किया जाता है और बेहतर सुविधाएं या सेवाएं प्रदान की जाती हैं. समारोहों में उनके लिए अलग द्वार और सीट की व्यवस्था की जाती है. वीआईपी क्षेत्र में दूसरे लोगों को जाने की इजाजत नहीं होती है. वीआईपी लोगों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाता है. वहीं, सैन्य या राजनीतिक क्षेत्र से संबंध रखने वाले वीआईपी के पास बॉडीगार्ड भी होते हैं.
वीआईपी और वीवीआईपी में अन्तर
ऐसे लोग जिनकी जान को खतरा हो सकता है या फिर समाज पर उनका प्रभाव अधिक हो, उन्हे वीआईपी की सुरक्षा दी जाती है. केंद्र के मामले में यह सुरक्षा ग्रह मंत्रालय और राज्य के मामले में राज्य सरकार तय करती है.
- वीआईपी का अर्थ बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति (Very Important Person) होता है, जबकि वीवीआईपी का अर्थ बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति (Very Very Important Person) है.
- VIP को आम व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, जबकि VVIP को VIP से भी ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है.
- VIP को किसी आम व्यक्ति से ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि VVIP को VIP से भी ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं.
भारत में VIP और VVIP के अंतर्गत ये लोग आते हैं -
- राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- राज्यपाल
- राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभाओं के अध्यक्ष
- सांसद
- विधायक
- विधान पार्षद
- निगम पार्षद
- आईएएस, आईपीएस, आईसीएस, आईआरएस अधिकारी
- तालुम/ग्राम पंचायत सदस्य
- विभिन्न राजनितिक पार्टियों के नेता
- मुख्य न्यायाधीश
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश
- सेलिब्रिटी
- मीडियाकर्मी और एडिटर्स
इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी
वीवीआईपी सुरक्षा से जुड़े निर्णय इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों, गृह सचिव और गृह मंत्री की सदस्यता वाली एक समिति करती है. कई बार राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार पर भी वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान कर दी जाती है. भारत में वीआईपी स्थिति का आकलन उन व्यक्तियों को प्राप्त सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों की संख्या के आधार पर किया जाता है, इसकी संख्या 2 से 40 के बीच होती है. वीवीआईपी के एसपीजी और एनएसजी सुरक्षा प्रदान की जाती है. Z+ श्रेणी वाले वीआईपी को एनएसजी सुरक्षा प्रदान की जाती है:
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