Agnipath Scheme: लोकसभा में अग्निपथ योजना को लेकर आरोप प्रत्यारोप जारी है. इसी बीच कांग्रेस ने अग्निपथ योजना पर सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर श्वेत पत्र होता क्या है? चलिए जान लेते हैं.


क्या होता है श्वेत पत्र?


श्वेत पत्र एक तरह की सूचनात्मक रिपोर्ट होती है, जो सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों के बारे में बताती है. इसकी शुरुआत आज से 102 साल पहले साल 1922 में ब्रिटेन में हुई थी. जानकारी के मुताबिक, सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं. इसमें सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद रंग होता है.


इसके अलावा सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई का सुझाव देने या निष्कर्ष निकालने के लिए किसी विशेष विषय पर एक श्वेत पत्र जारी करती हैं. बता दें कि श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में जारी हो सकता है. ये काम करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए सलाह या फिर सुझाव भी देता है.


कौन करता है जारी?


श्वेत पत्र सरकार के अलावा किसी भी ऑर्गेनाइजेशन, कंपनी, संस्था के द्वारा जारी किया जा सकता है. इसमें वो अपने कर्मचारियों, ग्राहकों या जनता को अपने उत्पादों की पूरी और विस्तृत जानकारी देता है. इसके साथ ही कई संस्था अपने द्वारा शुरू की गई तकनीक का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी श्वेत पत्र जारी करती हैं, जिसे वो आम लोगों तक पहुंचा सकें.


श्वेत पत्र में क्या होता है?


आमतौर पर श्वेत पत्र में किसी विशेष मुद्दे से जुड़ी कमियों, उससे होने वाले दुष्परिणामों और सुधार के लिए सुझावों जैसे विषय होते हैं. किसी योजना से जुड़े श्वेत पत्र में उससे जुड़ी विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं, जैसे उस योजना की वजह से मिलने वाली सुविधाएं, उससे लोगों को मिलने वाला लाभ और आवश्यक जानकारियां, उसकी खामियां और उससे आमजन को कितना लाभ मिल सकता है. इस तरह की जानकारियां श्वेत पत्र में दी जाती हैं.


अग्निपथ योजना में क्यों हो रही श्वेत पत्र की मांग?


अग्निपथ योजना जब से लागू की गई है तभी से ये कई वजहों से सवालों के घेरे में है. जैसे इसमें दी जाने वाली सुविधाएं और शहीद जवान के साथ होने वाला भेदभाव? लोकसभा में भी विपक्ष इस मुद्दे को काफी उठा रहा है, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की इस मुद्दे पर बहस भी हो चुकी है. ऐसे में अब विपक्ष अग्निपथ योजना पर श्वेत पत्र की मांग कर रहा है.


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