'जॉम्बी ड्रग' अमेरिका में तबाही मचाने के बाद अब ब्रिटेन में अपने पैर पसार रहा है. ये ड्रग अब तक वहां 11 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है. जिसकी चपेट में लगातार लोग आ रहे हैं. 


सबसे पहले इस ड्रग की चपेट में किसी व्यक्ति के शरीर की चमड़ी आती है. जिसके चलते उसके शरीर पर घाव होेने लगते हैं. फिर बाद में इस संक्रमण का असर बढ़ने लगता है और व्यक्ति किसी जॉम्बी की तरह ही हरकते करना शुरू कर देता है. यही वजह है कि इस ड्रग का नाम जॉम्बी ड्रग पड़ गया है.


क्यों जॉम्बी ड्रग बनता जा रहा बड़ा खतरा?
जॉम्बी ड्रग असल में डायलेजिन ड्रग है. जो आमतौर पर दवा के तौर पर जानवरों पर इस्तेमाल की जाती है. अमेरिका की हेल्थ एजेंसी यानी CDC के मुताबिक अमेरिका में इस दवा की मांग में तेजी से वृद्धि देखी गई है. जिसका कनेक्शन ओवरडोज के कारण होने वाली मौतों में पाया गया है. जॉम्बी ड्रग का इस्तेमाल नशीले पदार्थों के साथ मिलाकर हो रहा हैै. 


कितनी देर में चढ़ता है जॉम्बी ड्रग का नशा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जॉम्बी ड्रग का बिजनेस करने वाले इसे कोकीन और हिरोइन जैसी दूूसरी ड्रग्स मेें मिलाकर देते हैं. जिससे उसमें नशे की मात्रा बढ़ जाती है. इसका नशा जब होता है उस समय तो अच्छा लगता है वहीं सीडीसी कहना है कि नशीले पदार्थों के साथ मिलकर ये ड्रग और खतरनाक बन जाता है. जिसके बाद इंसान अपना होश खो देता है और उसकी त्वचा में घाव होने लगते हैं. 


जिसके बाद बदहोश होने पर वो अजीब हरकतें करने लगता है. शरीर में जैसे ही ये ड्रग पहुंचता है उसके 20 से 30 मिनट के बाद इसका असर दिखने लगता है. इस ड्रग का नशा कई घंटों तक रहता है. साथ ही इस ड्रग के नशे में व्यक्ति एक ही पोजिशन में घंटों तक रहता है. जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ने लगती है.    


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