Army Chief: आर्मी चीफ की क्या होती हैं शक्तियां, क्या वो जंग के लिए आदेश दे सकते हैं?
भारतीय सेना के नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आर्मी चीफ के पास क्या-क्या अधिकार होते हैं. क्या कोई आर्मी चीफ जंग को लेकर आदेश दे सकता है?
भारतीय सेना के नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे. वह इस पोस्ट पर जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेना के आर्मी चीफ के पास कौन-कौन सी शक्तियां होती है. क्या कोई भी आर्मी चीफ जंग के आदेश दे सकता है? आज हम आपको बताएंगे कि आर्मी चीफ के पास कौन-कौन से अधिकार हैं.
आर्मी चीफ
बता दें कि तत्कालीन आर्मी चीफ मनोज पांडे पिछले महीने मई महीने के अंत में रिटायर होने वाले थे. लेकिन सरकार ने जनरल मनोज पांडे के रिटायरमेंट से छह दिन पहले एक महीने का एक्सटेंशन दे दिया था. एक महीने के एक्सटेंशन के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मनोज पांडे को सरकार एक साल के लिए एक्सटेंशन दे सकती है. लेकिन अब रक्षा मंत्रालय ने बताया किस अगले आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आर्मी चीफ के पास कौन-कौन से अधिकार होते हैं और वो जंग से जुड़े कौन-कौन से फैसले कर सकते हैं.
आर्मी चीफ
आर्मी चीफ सेना से जुड़े सभी बड़े फैसलों में अपनी सहमति और असहमति दर्ज कर सकते हैं. सेना में किसी बदलाव को लाने के लिए रक्षा मंत्रालय को सुझाव भी दे सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या आर्मी चीफ किसी भी स्थिति में जंग को लेकर आदेश दे सकते हैं? जानकारी के मुताबिक किसी भी देश के साथ जंग जैसी स्थिति होने पर रक्षा मंत्रालय फैसला लेता है. हालांकि इस विषय पर बातचीत में आर्मी चीफ भी मौजूद होते हैं और अपने अहम सुझाव देते हैं. लेकिन ये कहना गलत होगा कि आर्मी चीफ अकेले फैसला लेकर जवानों को जंग में जाने के लिए कह सकते हैं. दरअसल हर जगहों की अपने नियम बने हुए हैं, जिसका पालन सभी अधिकारियों को करना होता है.
आर्मी चीफ की सैलरी
सेना में ब्रिगेडियर के पद पर पहुंचने वाले ही आगे चलकर मेजर जनरल बनते हैं. बता दें कि मेजर जनरल ही प्रमोट होकर लेफ्टिनेंट जनरल बनते हैं. मेजर जनरल के बाद आखिरी पद आर्मी चीफ का होता है. ये पोस्ट काफी समझदार, सुलझे हुए आर्मी अफसर को दी जाती है. इस पद पर 2,50,000 की फिक्स सैलरी मिलती है. इसके अलावा इस पद पर बैठे व्यक्ति को अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं.
इतने प्रमोशन के बाद बनते हैं सेना प्रमुख
ब्रिगेडियर के पद पर पहुंचने वाला ही आगे चलकर मेजर जनरल बनता है. बता दें कि मेजर जनरल ही प्रमोट होकर लेफ्टिनेंट जनरल बनते हैं. सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के बाद आखिरी पोस्ट और सबसे ऊपर की पोस्ट आर्मी चीफ का होता है. इस पद पर पहुंचने के बाद सेना प्रमुख को 2,50,000 की फिक्स सैलरी मिलती है. इसके अलावा इस पद पर बैठे व्यक्ति को कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं.
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