Black Hole: दुनियाभर के वैज्ञानिक उस समय घबरा गए, जब उन्हे पता चला कि वो इतने समय से जिसे कोई आकाशगंगा समझ रहे थे. वह एक ब्लैक होल निकला. जी हां, रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित हुई इस स्टडी के मुताबिक, यह बहुत बड़ा Black Hole पृथ्वी की तरफ मुंह खोले खड़ा है. वैज्ञानिक काफी समय से इसे आकाशगंगा समझ रहे थे. लेकिन असल में यह एक ब्लैक होल था. वैज्ञानिक इस बात से हैरान हैं कि इसकी दिशा पृथ्वी की तरफ क्यों है? इस अंतरिक्ष के राक्षस ने जल्दी ही अपना मुंह घुमाकर धरती की तरफ कर दिया है. 


पृथ्वी की ओर मुंह खोले खड़ा है राक्षस


इस ब्लैक होल के मुंह से लगातार प्रकाश की गति से रेडिएशन निकल रहा है. रेडिएशन पृथ्वी से 90 डिग्री के कोण पर है. जिसकी वजह से वैज्ञानिक परेशान हो रहे हैं. यह ब्लैक होल भूखा है और भूखे ब्लैक होल्स को वैज्ञानिक एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई (AGN) कहते हैं. ये ब्लैक होल्स ज्यादातर समय आकाशगंगाओं के केंद्र में होते हैं. इनके मुख से तेज ऊर्जा वाले कणों की धार निकलती रहती है. 


यह ब्लैक होल PBC J2333.9-2343 नाम की बेहद बड़ी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद है. पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 40 लाख प्रकाशवर्ष है. AGN ने हाल ही में अपना रुख पृथ्वी की ओर किया था. जिस वजह से इसके केंद्र से निकलने वाली तेज ऊर्जा की जेट सीधे पृथ्वी की ओर केंद्रित है.


स्टडी में क्या पता चला?


मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की एस्ट्रोफिजिसिस्ट लोरेना हरनैंडेज गार्सिया ने PBC J2333.9-2343 आकाशगंगा के पूरे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया है. चाहे वह रेडियो तरंगें हों या गामा किरणें. शुरू में लगा कि ये ब्लाजार (Blazar) है, जो काफी तेज चमक और फिर बुझ रहा है. फिर गार्सिया को आकाशगंगा में दो गोलाकार इलाके दिखे. यहां एजीएन से निकलने वाली जेट्स आपस में टकरा रही थीं. 


वैज्ञानिक ढूंढ रहे जवाब


उन्हे पता चला कि ब्लाजार के यह गोलाकार क्षेत्र काफी पुराने हैं, जबकि केंद्र में मौजूद इलाका (एजीएन) काफी युवा है. यह लगातार तेज ऊर्जा वाले जेट्स फेंक रहा है. यहां दो जोड़े जेट्स अलग-अलग दिशाओं में निकल रहे हैं. वैज्ञानिकों को यह अभी तक समझ नहीं आया कि इसने अपना मुंह घुमाकर धरती की तरफ क्यों किया. वो लगातार इसका जवाब ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं.


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