देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. दिल्ली-एनसीआर से लेकर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार का तापमान 45 से 48 डिग्री के बीच पहुंच रहा है. इस गर्मी से बचने के लिए अधिकांश लोग अपने घरों में एसी लगवा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी का इस्तेमाल करने के दौरान रूप का तापमान कितना होना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि रूम का तापमान कितना रखकर आप बिजली की खपत कम कर सकते हैं.  


एसी चलाने का सही तरीका


गर्मी बढ़ने के साथ ही घरों में एसी की संख्या भी बढ़ रही है. गर्मी बढ़ने पर अधिकांश लोग एसी का टेंपरेचर कम करके 18 डिग्री सेल्सियस कर देते हैं. इससे कमरे का तापमान बहुत जल्दी कम हो जाता है. हालांकि 18 डिग्री सेल्सियस पर एसी चलाने पर बिजली की खपत भी ज्यादा होती है और बिल ज्यादा आता है. एक्सपर्ट के मुताबिक बिजली की खपत कम करने के लिए एसी को 24 डिग्री सेल्सियस पर चलाने की सलाह दी जाती है. 


ऊर्जा मंत्रालय


भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है. सरकार भी बिजली खपत कम करने के लिए एसी का टेंपरेचर 24 डिग्री पर सेट करने का सुझाव देते है. ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक अगर आप अपने एसी को 24 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं, तो आप गर्मी के एक सीजन में बिजली बिल में लगभग 4000-5000 रुपये की बचत कर सकते हैं. एसी का एक डिग्री टेंपरेटर बढ़ाने से बिजली की खपत छह फीसदी तक कम होती है. इस हिसाब से एसी का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रखने पर 18 प्रतिशत तक बिजली की खपत कम किया जा सकता है. 


एसी के कम तापमान से हेल्थ को नुकसान


एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप अपना रूम टेंपरेचर 23 डिग्री सेल्सियस से कम रखते हैं, तो यह हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक है. जानकारी के मुताबिक कम टेंपरेचर में सोने से सांस से जुड़ी समस्या होना आम बात है. दरअसल टेंपरेचर कम रखने पर एसी कमरे की सारी नमी सोख लेता है. इसकी वजह से स्किन प्राब्लम भी हो सकती है. बरसात होने के साथ ही इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में हाइजीन के साथ-साथ एसी के टेंपरेचर का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है.


एसी नुकसानदायक


एक्सपर्ट हमेशा लगातार एसी में रहने से मना करते हैं. क्योंकि लगातार एसी में रहने से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इस कारण कई बार इंफेक्शन और सर्दी जुखाम होने की संभावना बनी रहती है. 


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