क्या थी ब्लैक डेथ, जिससे एक साथ मर गए तो कई लोग... अब मिले 1000 से ज्यादा कंकाल
Black Death: सबसे बड़ी महामारी की बात करें तो एक थी बुबोनिक प्लेग जिसे ब्लैक डेथ कहा जाता था. जिसके चलते 14वीं सदी में करीब ढाई करोड़ लोगों ने अपनी जान गवांई. आखिर क्या थी ब्लैक डेथ चलिए जानते हैं.
Black Death: साल 2019 में पूरी दुनिया में एक महामारी ने दस्तक दी थी. जिसे कोविड-19 यानी कोरोना वायरस कहा गया. इस महामारी की चलते हैं 70 लाख लोगों ने अपनी जान गवांई. यह महामारी दुनिया की सबसे बड़ी महामारियों में से एक थी. दुनिया की कुछ और सबसे बड़ी महामारियों की बात करें तो एक थी बुबोनिक प्लेग जिसे ब्लैक डेथ कहा जाता था. जिसके चलते 14वीं सदी में करीब ढाई करोड़ लोगों ने अपनी जान गवाई थी. अभी कुछ दिनों पहले ही जर्मनी में खुदाई के दौरान इस महामारी के चलते मरे लोगों के हजार मानव कंकाल बरामद हुए हैं. आखिर क्या थी ब्लैक डेथ. कैसे इसने करोड़ों लोगों का खात्मा कर दिया. चलिए जानते हैं.
ब्लैक डेथ के चलते हुईं करोड़ों मौतें
ब्लैक डेथ महामारी कहां से शुरू हुई उसे बारे में बात करते हैं. इटली में एक शहर हुआ करता था जिसका नाम था रिपब्लिक आफ जेनोवा. इस शहर का मुख्य धंधा था समुद्री व्यापार. जो यूरोप से लेकर सेंट्रल एशिया तक फैला हुआ था. एक बार इस साम्राज्य के 12 जहाज ब्लैक सी से लौटने के बाद इटली के सिसली पोर्ट पर रुके हुए थे. तब इसमें सामान उतारने के लिए कुछ लोग चढ़े तो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गए.
जहाज में अंदर लाशों का अंबार लगा हुआ था. कुछ लाशें सड़ चुकी थी. जिन्हें चूहे खा रहे थे. कुछ लोग जिंदा थे वह भी बुरी हालत में बुखार में पीड़ित और शरीर से मवाद बह रहा था. यह देखने के बाद उन जहाज को दूर भेज दिया गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बीमारी चूहों और मक्खियों के रूप में शहर में दाखिल हो चुकी थी.
यह था बुबोनिक प्लेग जो बुरी तरह फैल चुका था. इसका प्रकोप धीरे-धीरे आसपास के सभी शहरों में फैलने लगा. देखते ही देखते कर और मौत का तांडव होने लगा. डॉक्टर ने लोगों का इलाज करने से मना कर दिया. शव जहां पड़े थे वहीं के वहीं पड़े रहे. आंकड़ों के मुताबिक इस महामारी से करीब ढाई करोड़ लोगों की मौत हुई.
क्यों नाम पड़ा ब्लैक डेथ?
शुरुआत में इस महामारी को ग्रेट मोर्टालिटी कहा गया. इस फ्लैग से जो पीड़ित होता था उसकी कांख और जांघों के नीचे बड़े फोड़े हो जाते थे. जो काले रंग के होते थे. पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग होती थी खून बाहर नहीं आता था और वह जमकर काला हो जाता था. जिसकी वजह से खाल का रंग काला पड़ जाता था. इसी के चलते इस महामारी को ब्लैक डेथ कहा गया.
जर्मनी में मिले हैं 1000 कंकाल
जर्मनी के न्यूरेमबर्ग में खुदाई का काम चल रहा था. वहां रिटायरमेंट होम बनाया जा रहा था. खुदाई के दौरान वहां बहुत से मानव कंकाल मिले. इनकी संख्या तकरीबन हजार के ऊपर बताई जा रही है. यह कब्र कितनी पुरानी है इस बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन कहां जा रहा है कि यह फ्लैग महामारी के दौरान मारे गए लोग हैं. यह कंकाल 17वीं सदी के बताए जा रहे हैं.
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