इस्लाम से पहले काबा में क्या था? जानिए क्यों इस्लाम में है इतना जरूरी
इस्लाम धर्म मानने वालों के लिए काबा एक पवित्र स्थल है, ऐसे में क्या आपके मन में कभी खयाल आया है कि इस्लाम से पहले यहां क्या मौजूद था? चलिए जानते हैं.
दुनियाभर के लाखों मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब पहुंचते हैं. इस साल ये यात्रा 21 मई से शुरू हो चुकी है, जिसके लिए कई हज यात्री निकले हैं. सऊदी अरब के मक्का शहर के काबा को इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र माना जाता रहा है.
दुनियाभर के मुसलमानों के लिए इस्लाम का ये धार्मिक अनुष्ठान काफी अहम है. दुनियाभर के स्वस्थ्य और आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमानों की ये इच्छा होती है कि वो जीवन में एक बार हज यात्रा पर जरुर जाएं, लेकिन बता दें कि मुसलमानों के पवित्र स्थंभ काबा हमेशा से ऐसा ही नहीं था. चलिए आज इसका इतिहास जानते हैं.
मक्का में पहले क्या था?
आज से लगभग 4000 साल पहले मक्का का मैदान पूरी तरह से निर्जन था. मुसलमानों ऐसा मानते हैं कि अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम (जिसे मुसलमान इब्राहीम कहते हैं) को आदेश दिया कि वो अपनी पत्नी हाजरा और बेटे इस्माइल को फ़लस्तीन से अरब ले आएं ताकि उनकी पहली पत्नी सारा की ईर्ष्या से उन्हें (हाजरा और इस्माइल) दूर रखा जा सके.
मुसलमानों के मुताबिक, अल्लाह ने पैगंबर अब्राहम से उन्हें अपनी क़िस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा. उस दौरान उन्हें खाने की कुछ चीजें और थोड़ा पानी दिया गया. हालांकि कुछ दिनों में ही ये सामान खत्म हो गया. ऐसे में हाजरा और इस्माइल भूख और प्यास से बेहाल हो गए. फिर मायूस हाजरा मक्का में स्थित सफा और मरवा की पहाड़ियों से मदद की चाहत में नीचे आईं. भूख और थकान से टूट चुकी हाजरा गिर गईं और उन्होंने संकट से मुक्ति के लिए अल्लाह से गुहार लगाई. इसके बाद जब इस्लाइल ने जमीन पर पैर पटका तो धरती में से एक पानी का सोता फूट पड़ा और दोनों की जान बच गई.
पानी का व्यापार हुआ शुरू
इसके बाद हाजरा ने उस पानी को सुरक्षित किया और खाने के सामान के बदले पानी का व्यापार शुरू कर दिया. इसी पानी को आब-ए-ज़मज़म यानी ज़मज़म कुआं का पानी के रूप में जाना जाा है. मुसलमान इसे सबसे पवित्र पानी मानते हैं और हज के बाद सारे हाजियों की ये कोशिश रहती है कि वो इस पवित्र पानी को लेकर अपने घर लौटें.
किसे कहा जाता है काबा?
मुसलमानों के अनुसार, इसी दौरान पैगंबर अब्राहम को अल्लाह ने एक तीर्थस्थान बनाकर समर्पित करने के लिए कहा. अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा-सा घनाकार इमारत निर्माण किया. इसी इमारत को काबा के रूप में जाना गया.
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