Aeroplane Fact: हवाई सफर काफी रोमांच भरा होता है, लेकिन सोचिए आप एक प्लेन में सफर कर रहे हैं और अचानक प्लेन में किसी वजह से एक छेद हो जाए! क्या होगा?... एक बार की बात है दुबई से ब्रिस्बेन के लिए उड़ान भरने वाले अमीरात के विमान में इसी तरह की अनहोनी हुई थी. तब उस विमान के साथ एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बची. आइए इस दुर्घटना के आधार पर जानने की कोशिश करते हैं कि अगर आसमान में उड़ते प्लेन में छेद हो जाए तो क्या हो सकता है...


एक बार क्या हुआ था?
दरअसल, सफर शुरू होने के 14 घंटे बाद जब सफर खत्म हुआ और फ्लाइट ब्रिस्ब्रेन पहुंची तो यात्रियों ने देखा कि प्लेन में एक छेद था. यात्रियों का कहना था कि उड़ान भरने के लगभग 45 मिनट बाद धमाके जैसी आवाज सुनाई दी थी, लेकिन जब इस बारे में स्टाफ से पूछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार कर दिया. सफर के दौरान फ्लाइट में फूड सर्विस बंद कर दी गई और लैंडिंग से पहले जानकारी दी गई कि विमान को किसी दूसरे रनवे पर लैंड कराया जा रहा है. हालांकि, वो विमान तो सही सलामत अपने गंतव्य पर पहुंच गया था, लेकिन सवाल यह बनता है कि विमान में छेद होने पर किस हद तक खतरा बढ़ जाता है और इससे किस तरह की दुर्घटना होने की संभावनाएं रहती हैं?... आइए जानते हैं...


जान का जोखिम कितना रहता है?
रैंकर की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि छेद का आकार कितना बड़ा है. अगर छेद बहुत छोटा है तो फ्लाइट के अंदर मौजूद दबाव पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है और इससे बैलेंस बिगड़ता नहीं है.


आइए उदाहरण से समझें
इसे विमान की एक खिड़की से समझा जा सकता है. प्लेन की खिड़की में एक छोटा सा छेद होता है, जिसे ब्लीड होल कहा जाता है. जब प्लेन हवा में होता है तो उस दौरान प्लेन के अंदर हवा का दबाव कम होने के कारण यात्री आसानी से सांस ले पाते हैं. प्लेन की खिड़की में बना छोटा सा ब्लीड होल इस दबाव को मेंटेन करने का काम करता है. इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि यदि विमान में छोटा छेद है तो नुकसान नहीं पहुंचेगा.


कब रहता है खतरा?
रिपोर्ट के हिसाब से अगर किसी कारण से प्लेन में खिड़की के आकार जितना डैमेज होता है या खिड़की में ही कोई डैमेज होता है तो रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसा होने पर सबसे पहले हवा का दबाव बिगड़ता है और इस दबाव की वजह से मौत भी हो सकती है. क्योंकि, जब दबाव बढ़ता है तो इसका सीधा असर नाक और कान में ब्लड पहुंचाने वाली धमनियों पर होता है. हमारा शरीर इतना दबाव नहीं झेल पाता है.


और क्या हो सकता है?
बड़ा छेद होने की वजह से अचानक से दबाव का तालमेल बिगड़ सकता है, जिसकी वजह से विमान में धमाका भी हो सकता है. साल 1988 की बात है, तब भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जब अलोहा एयरलाइन-243 में कॉकपिट का गेट ही डैमेज हो गया था. तब सामने आया कि छेद होने के कारण विमान में विस्फोटक हुआ था, जिससे विमान की छत का एक बड़ा हिस्सा भी फट गया था. रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी सिचुएशन में जब हवा का दबाव बिगड़ता है तो अंदर की चीजें बाहर की ओर खिंचने लगती हैं. ऐसे हालातों में अगर जल्द से जल्द विमान की सुरक्षित लैंडिंग न हो तो विमान में मौजूद यात्रियों पर मौत का खतरा बढ़ता है.


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