दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ रही है. अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के मुताबिक 1 जनवरी 2024 तक दुनिया की कुल आबादी 8.02 अरब थी. लेकिन सवाल ये है कि अगर दुनिया की आबादी अचानक आधी हो जाएगी, तो उससे क्या फायदा और नुकसान होगा. आज हम आपको बताएंगे कि आबादी कम होने से क्या नुकसान होता है.


दुनिया की कुल आबादी


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ रही है. वहीं अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के मुताबिक 1 जनवरी 2024 तक दुनिया की कुल आबादी 8.02 अरब थी. लेकिन ये भी सच है कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो फर्टिलिटी रेट कम होने के कारण चिंतित हैं. इन देशों की लिस्ट में रूस का नाम भी आता है.


आबादी बढ़ने-घटने का नुकसान


अब सवाल ये है कि दुनियाभर में आबादी बढ़ने से क्या नुकसान होता है. बता दें कि आबादी के बहुत ज्‍यादा बढ़ने या फिर घटने से भी बेरोजगारी बढ़ने लगती है. दरअसल घटती आबादी के कारण नई उम्र के लोगों की संख्‍या कम होती है. ऐसे में युवा उद्यमियों और युवा आबादी घटने पर रोजगार के अवसर भी घट जाते हैं. इस स्थिति में लोग रोजगार की तलाश में दूसरे देशों की तरफ जाने का प्लान करते हैं, यानी पलायन शुरू हो जाता है. 


सैन्य बल पर पड़ता है असर


दुनिया की आबादी घटने से सैन्य बल पर भी असर पड़ता है. क्योंकि आसान भाषा में आबादी कम होने के कारण नए बच्चे जन्म नहीं लेते हैं और फर्टिलिटी रेट कम होता है. जिससे वहां पर बुजुर्गों की तादाद बढ़ने लगती है. जिसका असर उस देश की सेना पर पड़ता है. क्योंकि बड़ी संख्या में फिर नए जवान लोग सेना में भर्ती नहीं होते हैं.


अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर


दुनिया की आबादी अगर कम हो जाएगी, तो उसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. क्योंकि दुनिया में 0घटती आबादी के कारण बढ़ती बुजुर्गों की संख्‍या के लिए सरकार को रिटायरमेंट फंड देना होगा. इसके अलावा स्वास्थ्य संबधी योजनाओं को शुरू करना होगा. जिसका सीधा असर अलग-अलग देशों के सरकारी खजाने पर पड़ेगा. वहीं आबादी घटने से सभी देशों में युवा उद्यमियों और कामगारों के कम होने से उसका ग्लोबल स्तर पर भी दिखेगा. इतना ही नहीं घटती आबादी वाले देशों में महंगाई भी तेजी से बढ़ती है. 


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