अगर वाकई धरती से मिट गया पुरुषों का वजूद तो कैसी होगी दुनिया, डराने वाली रिसर्च आई सामने
कभी सोचा है कि यदि धरती से पुरुषों का वजूद ही मिट गया तो क्या होगा? हाल ही में हुई रिसर्च में चौंकाने वाली बात सामने आई है.
अगर धरती से पुरुषों का वजूद मिट जाए तो क्या होगा, दुनिया कितनी बदल जाएगी? दरअसल, ये सवाल इसलिए सामने आए हैं क्योंकि एक स्टडी में बड़ा खुलासा किया गया है. एक स्टडी में पता चला है कि Y क्रोमोसोम,(Y Chromosomes) जो पुरुष लिंग का निर्धारण करता है, तेजी से कम हो रहा है. अगर ऐसा ही होता रहा तो शायद एक दिन इस दुनिया से पुरुषो का वजूद मिट जाए.
स्टडी के मुताबिक, पिछले 300 मिलियन वर्षों में 1,393 जीन खो चुके हैं, केवल 45 जीन बचे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि यह सिलसिला जारी रहा तो Y क्रोमोसोम 11 मिलियन सालों के भीतर पूरी तरह गायब हो सकता है, जिससे नर संतानों (Male) के भविष्य और मानव अस्तित्व के बारे में आशंका पैदा हो सकती है. इसका मतलब है कि अगर पुरुष जीन समाप्त हो जाते हैं तो धरती पर पुरुषों का अस्तित्व मिट सकता है और आगे वाले सालों में मानव समेत कई जीव-जन्तुओं खत्म हो सकते हैं.
पुरुष पैदा होने के लिए जरूरी है ये चीज
Y क्रोमोसोम पुरुष विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, इसमें SRY जीन होता है. यह जीन पुरुष प्रजनन ऊतकों के विकास को गति देता है. पुरुषों में XY क्रोमोसोम होता है, जबकि महिलाओं में XX क्रोमोसोम (XX Chromosomes) होते हैं. गर्भाशय में भ्रूण के विकास के लिए Y क्रोमोसोम की आवश्यकता होती है. यह नर शिशु के रूप में विकसित होता है.
क्या इतने सालों में विलुप्त हो जाएंगे Y क्रोमोसोम
रिसर्च में बताया गया है कि पिछले 16.6 करोड़ सालों में Y क्रोमोसोम ने बड़ी मात्रा में एक्टिव जीन खो दिए हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो क्रोमोसोम 11 मिलियन सालों में विलुप्त हो सकते हैं. वैज्ञानिक चिंतित हैं, कुछ का मानना है कि Y क्रोमोसोम हमेशा रहेंगे, जबकि अन्य का कहना है कि वे कुछ हजार सालों में विलुप्त हो जाएंगे. ऐसे में इसे लेकर अभी कंफ्यूजन जारी है.
स्टडी में कहा गया है कि इंसानों में एक नया सेक्स-डिटरमिनिंग जीन (New sex-Determining Gene) विकसित होने की संभावना है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है. ऐसा होने से कई खतरे भी पैदा हो सकते हैं. सेक्स-डिटरमिनिंग जीन अलग-अलग होने से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई तरह के इंसान पाए जा सकते हैं. यह जीन विकसित होने से इंसानों की प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ सकता है और शारीरिक-मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है.
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