जब स्तन ढकने के अधिकार के लिए काट दिए थे स्तन... तब इस चीज के लिए देना होता था टैक्स
आपने इनकम टैक्स, वाटर टैक्स, हाउस टैक्स के बारे में जरुर सुना होगा, लेकिन आज हम आपको जिस टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं उसके बारे में शायद ही आप जानते हो.
![जब स्तन ढकने के अधिकार के लिए काट दिए थे स्तन... तब इस चीज के लिए देना होता था टैक्स When breasts were cut off for the right to cover breasts then tax had to be paid for this thing जब स्तन ढकने के अधिकार के लिए काट दिए थे स्तन... तब इस चीज के लिए देना होता था टैक्स](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/16/137952eabf7e22258c9bc12f82caf99a1715847653764742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
आज हम जिस भारत में रहते हैं वहां सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय तो ऐसा भी रहा है जब स्तन ढंकने के लिए महिलाओं को टैक्स तक चुकाना पड़ता था. यदि वो ऐसा नहीं करती थीं तो इसके लिए उन्हें सजा तक भुगतनी पड़ जाती थी. हालांकि एक महिला ऐसी भी रही जिसने इस प्रथा का अंत किया और बड़े ही अनोखे अंदाज में किया.
क्या था ब्रेस्ट टैक्स का नियम?
बात 19वीं शताब्दी की है, जब त्रावणकोर की महिलाों को ब्रेस्ट टैक्स देना पड़ता था. ये टैक्स सिर्फ महिलाओं के लिए ही था. इस नियम के तहत दलित महिलाओं को अपनी छाती को कपड़े या ब्लाउज से ढकने के लिए टैक्स चुकाना पड़ता था. यदि कोई महिला टैक्स नहीं चुकाती थी और अपनी छाती को कपड़े से ढंक लेती थी तो उसे देखते ही चाकू से खींचकर ढंका हुआ कपड़ा फाड़ दिया जाता था.
इसकी शुरुआत 1729 में मद्रास प्रेसीडेंसी में त्रावणकोर साम्राज्य में हुई थी. उस समय राजा मार्थंड वर्मा ने पानी और हाउस टैक्स के साथ ब्रेस्ट टैक्स लगाने का भी फैसला किया था.
साइज के अनुसार देना होता था टैक्स
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये टैक्स महिलाओं को स्तन के साइज के मुताबिक देना होता था. हालांकि उस समय दलित समुदाय के ज्यादातर लोग खेतिहर मजदूर हुआ करते थे. स्तन टैक्स देना जिनके बस के बाहर हुआ करता था. ऐसे में नायर और एड़वा समुदा की महिलाएं ही इस कर को देने की क्षमता रखती थीं. दरअसल इस टैक्स को लगाने के पीछे सोच ये थी कि ऊंची जाति के पुरुषों के सामने महिलाओं को अपने स्तन नहीं ढंकना चाहिए.
स्तन काटकर महिला ने खत्म की रूढ़ीवादी प्रथा
हर गलत प्रथा को खत्म करने के लिए कोई न कोई आगे आता ही है. लिहाजा इसके लिए भी एक साहसी महिला नांगेली आगे आईं. नांगेली का नाम शायद ही आपने सुना हो लेकिन महिलाओं के लिए इनका बलिदान बहुत बड़ा है. दरअसल नंगेली ने ये फैसला कर लिया था कि वो बिना टैक्स दिए अपने स्तनों को ढंकेंगी. ऐसे में जब स्तन ढंकने पर उनसे टैक्स की मांग की गई तो उन्होंने अपने दोनों स्तन काटकर केले के पत्तों में परोसकर राजा के सैनिक को सौंप दिए. जिसके बाद इस टैक्स को खत्म कर दिया गया था.
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