पृथ्वी पर इंसानों ने कई तबाही देखी है. भूकंप, बाढ़ और ना जाने क्या क्या हर साल इंसान देखता है और इससे जूझते हुए मरता है. बीते दो वर्षों में कोरोना के कहर ने लाखों करणों इंसानों से उनकी जिंदगी छीन ली. लेकिन जिस तबाही की बात हम कर रहे हैं, जब आप उसके बारे में सुनेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. दरअसल, पृथ्वी पर एक समय ऐसा आया था जब सिर्फ 1280 लोग ही बचे थे.
कब हुई थी ये घटना?
हम जिस घटना की बात कर रहे हैं, वो आज से नौ लाख साल पहले हुई थी. कहते हैं कि आज इस पृथ्वी पर जो भी आठ अरब के करीब लोग जिंदा हैं ये उन्हीं 1280 लोगों की बदौलत हैं, जो उस तबाही में भी खुद को बचा पाने में सक्षम थे.
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
जर्मन न्यूज वेबसाइट डी डब्लू की एक खबर के मुताबिक, जेनेटिक विश्लेषण के आधार पर किए गए अध्ययन में इस बात का पता चला है कि इंसान के पूर्वज एक समय में तबाही के एक दम करीब पहुंच गए थे. इस अध्ययन के नतीजे कहते हैं कि ये दौर ऐसा था जब इंसानों की पूरी आबादी लगभग खत्म हो गई थी. सबसे बड़ी बात कि ये जांच आज से दो लाख साल पाए जाने वाले आदिमानवों के कुछ अवशेषों पर हुई है.
किसने किया ये रिसर्च
इस रिसर्च को किया है चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंसेज के शंघाई इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ ने. शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए पता लगाया कि आज से नौ लाख तीस हजार साल पहले एक समय ऐसा भी आया था जब धरती पर सिर्फ 1280 लोग ही बचे थे. इस रिसर्च को करने वाले मुख्य शोधकर्ता हाईपेंग ली ने कहा कि उस दौर में इंसानों की 98.7 फीसदी आबादी खत्म हो चुकी थी.
ऐसा क्या हुआ था पृथ्वी पर
रिसर्च के अनुसार, इंसानों की ऐसी दशा हिमयुग के दौरान पृथ्वी के गिरते तापमान की वजह से हुआ था. इस हिमयुग के दौरान लगभग इंसान विलुप्त हो गए थे, लेकिन इस बीच भी कुछ ऐसे इंसान थे जो खुद को बचाने में कामयाब हो गए थे और यही इंसान बाद में मानव सभ्यता के विकास का कारण बने.
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