भारत में भारतीय रेलवे लोगों की लाइफलाइन है. भारतीय रेलवे के जरिए हर दिन लाखों यात्री बहुत कम खर्च में एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचते हैं. हालांकि भारतीय रेलवे के व्यस्त रूट्स के कारण कई बार कुछ घटनाएं भी होती हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या तेज स्पीड में इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन पलट या पटरी से उतर भी सकती है? आज हम आपको ट्रेन के ब्रेक के बारे में बताएंगे.


इमरजेंसी ब्रेक


आपने कई बार बचपन से ये सुना होगा कि ट्रेन के ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल इसलिए नहीं करते हैं, क्योंकि ट्रेन पटरी से उतरी सकती है. लेकिन इस बात के पीछे कितनी सच्चाई है, आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. बता दें कि किसी भी आपातकाल की स्थिति में इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं जब ट्रेन का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगाता है, तब ट्रेन के हर पहिये में ब्रेकिंग फोर्स एक समान होता है. आसान भाषा में ट्रेन के हर पहिये पर ब्रेक का दबाव एक बराबर पड़ता है, जिससे इमरजेंसी सिचुएशन में ब्रेक लगाने पर ट्रेन रुक जाती है. आपातकाल स्थिति में अगर ट्रेन का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल करता भी है, तो भी ट्रेन के पटरी से फिसलने की संभावना नहीं होती है.


ड्राइवर हमेशा क्यों नहीं करते इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल


अब सवाल ये है कि आखिर ड्राइवर हमेशा इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है. क्योंकि ब्रेक नहीं लगाने के कारण कई बार दूसरी ट्रेन से टक्कर,जानवर और इंसानों की जान भी चली जाती है. कई लोग ये भी दावा करते हैं कि ट्रेन तेज रफ्तार में थी, ऐसे स्थिति में तुरंत ब्रेक लगाने से ट्रेन पटरी से उतर सकती है. अब आसान भाषा में समझिए कि अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर ट्रेन पटरी से उतरता तो ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक ही नहीं दिये जाते. वहीं ट्रेन के पहिये और ट्रैक दोनों ही मेटल के बने होते हैं, जिस वजह से दोनों के बीच फ्रिक्शन काफी कम होता है. वहीं ट्रेन का भार ज्यादा होता है, इसिलए ट्रेन को रुकने के लिए ज्यादा जगह चाहिए होती है. ड्राइवर जब अचानक पटरी पर किसी को देखता है तो ट्रेन जानवर, इंसान या दूसरी ट्रेन के काफी पास आ चुका होता है. इस दौरान इमरजेंसी ब्रेक लगाने से भी ट्रेन रुक नहीं सकती है. 


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