(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जब चोरी हो गया था इस देश का पूरा बीच, लोग भी सुनकर रह गए हैरान
किसी भी देश में चोरी होना एक आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश में चोरों ने पूरा बीच ही चोरी कर लिया था. जी हां, जानिए कब और कैसे हुई थी ये घटना.
दुनियाभर के अलग-अलग देशों में चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. हालांकि कुछ देशों में चोरी को लेकर सख्त कानून बना हुआ है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर देश का पूरा बीच ही चोरी हो गया था. जी हां, इस चोरी की चर्चा पूरी दुनिया में उस समय हुई थी.
चोरी
किसी भी देश में चोरी की घटना होना आम बात है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि चोरों ने किसी बीच को ही चोरी कर लिया है. आज हम आपको एक ऐसे घटना के बारे में बताएंगे, जब चोरों ने पूरा बीच ही चोरी कर लिया था. अब आप सोच रहे होंगे कि चोर अक्सर महंगी चीजों की चोरी करते हैं, लेकिन आज हम आपको जिस घटना के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर चोरों ने बीच चोरी किया है.
जमैका की चोरी
बता दें कि चोरी 20 जुलाई 2008 को हुई थी. जिसमें चोरों ने रात के अंधेरे में पहुंचकर और दूरदराज के जमैका समुद्र तट से सैकड़ों टन रेत खोदकर लिया था. उस वक्त काले बाजार में सफेद रेत की कीमत लगभग 1 मिलियन डॉलर थी. उस वक्त चोरों ने बीच से अनुमानत 500 डंप ट्रक रेत हटाई है. जानकारी के मुताबिक यह समुद्र तट ट्रेलानी में एक नियोजित रिसॉर्ट का स्थल था.
सफेद रेत
दुनियाभर में सफेद रेत का काला बाजार खूब फल-फूल रहा है. इसका इस्तेमाल गोल्फ़ कोर्स के बंकरों, स्विमिंग पूल के लिए मोर्टार और सीमेंट और कई तरह के उत्पादों के उत्पादन में किया जाता है, जिसमें फ़ोन स्क्रीन भी शामिल हैं. कई मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक रेत की चोरी और तस्करी दुनिया भर में हो रही है. बता दें कि जमैका रेत चोरों का शिकार होने वाला एकमात्र देश नहीं है. रेत की चोरी दुनिया भर में दर्ज की गई है.
रेत का काला बाजार
रेत दुनिया में दूसरा सबसे ज़्यादा शोषित प्राकृतिक संसाधन है. इसकी आपूर्ति में कमी के कारण देशों को इसे प्राप्त करने के लिए समुद्र तल से खुदाई करनी पड़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप जलीय पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो रहा है. जमैका के समुद्र तट से रेत की चोरी दुनिया भर के देशों के लिए एक चेतावनी है. चोरी सिर्फ़ रेत की ही नहीं हो रही है, इसमें रेत, खेती योग्य मिट्टी और दुर्लभ खनिज से लेकर जंगल, पानी और वन्यजीव तक सब कुछ शामिल है.
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