जब इस मुगल ने अपनी ही बेटी के आशिक को दे दी थी रूह कपा देने वाली सजा
मुगल अक्सर अपनी सत्ता के छिन जान के डर में रहते थे. इसी डर में एक मुगल शासक ने अपनी ही बेटी के प्रेमी की बेरहमी से हत्या करवा दी थी.
![जब इस मुगल ने अपनी ही बेटी के आशिक को दे दी थी रूह कपा देने वाली सजा When this Mughal gave a soul crushing punishment to his own daughters lover जब इस मुगल ने अपनी ही बेटी के आशिक को दे दी थी रूह कपा देने वाली सजा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/01/494108df84d50feb1bc2fc728eb45f881717245506358742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मुगल अपनी कई शादियों और ऐशोआराम की जिंदगी जीने के लिए जाने जाते थे. हालांकि जब भी बात उनकी बेटी की शादी की आती थी तो इस मामले में वो किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते थे. दरअसल उन्हें हमेशा इस बात का डर सताता था कि कहीं उनकी बेटी का पति किसी तरह उनकी सत्ता पर कब्जा न कर ले.
यही वजह थी कि हमेशा मुगल अपनी बेटियों की शादी अपने सगे संबंधियों से ही करते थे. इसकी शुरूआत बादशाह अकबर ने की थी. वो मानते थे कि उनकी सत्ता हमेशा किसी मुगल के हाथ में ही होनी चाहिए. इस नियम का पालन मुगलों की आगे की पीढि़यों ने भी किया, लेकिन एक मुगल बादशाह ऐसा था कि उसकी क्रूरता के चलते उसकी बेटी आजीवन कुंवारी रह गई.
इस बादशाह की बेटी के पास भी नहीं जा सकता था अंजान मर्द
ये किस्सा है शाहजहां और उनकी चहेती बेटी जहांआरा का. दरअसल साल 1658 में भारत पहुंचे फ्रेंकोइस बर्नियर एक फ्रांसीसी चिकित्सक होने के साथ एक राजनीतिक दार्शनिक और इतिहासकार भी थे. दाराशिकोह का चिकित्सक बनने के बाद उनकी पहचान मुगल दरबार में बन चुकी थी. धीरे-धीरे वो मुगलों के बेहद खास भी बन गए. इसके बाद वो मुगल सल्तनत की कई दिलचस्प जानकारियां लिखने लगे. उन्हीं ने शाहजहां और उनकी बेटी जहांआरा के भी किस्से अपनी किताब में दर्ज किए थे. उन्होंने लिखा है कि बदशहा शाहजहां उनकी बेटी जहांआरा से बहुत प्यार करते थे. शाहजहां को ये बात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं थी कि कोई भी मर्द उनकी बेटी के नजदीक भी जाए. ऐसे में शहजादी की सुरक्षा का खास खयाल रखा जाता था.
जब जहांआरा से मिलने पहुंचा उनका आशिक
एक बार तमाम पहरे को पार करते हुए जहांआरा के पास उनका एक आशिक उनसे मिलने पहुंच गया. बादशाह को ये बात उनके करीबियों से पता चली तो वो आगबबूला हो उठे. इसके बाद बादशाह ने जहांआरा के उस आशिक को पकड़ने का आदेश दे दिया. इससे पहले की बादशाह के सिपाही उस शख्स तक पहुंच पाते, जहांआरा को इस बात की जानकारी मिल गई कि पूरे महल में उनके और उनके आशिक की चर्चा हो रही है.
बादशाह ने जहांआरा के आशिक को दी दर्दनाक सजा
जहांआरा ने अपने आशिक को बचाने के लिए उसे पानी की देग में छिपा दिया. फिर जब तमाम कोशिशों के बाद भी तब जहांआरा का आशिक नहीं मिला तो बादशाह खुद शहजादी के कमरे में पहुंचे और उन्हें शक हो गया कि वो पानी की देग में कोई छुपा हुआ है. बादशाह को ये इल्म था कि वो शहजादी का आशिक ही है. इसका अंदाजा होते ही बादशाह ने उसी समय उस देग के पानी को उबालने का हुक्म सुना दिया, जिसके बाद जहांआरा के उस आशिक की दर्दनाक मौत हो गई.
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