New Year 2024: साल 2023 अब खत्म होने की कगार पर है अब इस साल में बस कुछ ही दिन बाकी है.  1 जनवरी को पूरे विश्व भर में नया साल फिर से मनाया जाएगा.  नई साल के दिन पूरी दुनिया में खूब उत्साह होता है हर जगह लोग जमकर पार्टियां करते हैं.  इसे बेहद हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है.  लेकिन क्या आपको पता है पहले 1 जनवरी को नया साल नहीं मनाया जाता है. सबसे पहले 1 जनवरी को नया साल कब मनाया गया था. आइए जानते हैं कब से मनाया जा रहा है 1 जनवरी को नया साल. 


15वीं सदी में पहली बार 1 जनवरी को नया साल मनाया गया था


1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा का इतिहास काफी पुराना है. इसकी शुरुआत ग्रेगोरियन कैलेंडर के तहत 15वीं सदी में सन 1582 के अक्टूबर महीने के में हुई थी. आपको बता दें इस तारीख से पहले पूरी दुनिया में जूलियन कैलेंडर फॉलो किया जाता था. उसमें सिर्फ 10 ही महीने होते थे तब क्रिसमस के दिन ही नया साल मनाया जाता था.  लेकिन इसके बाद अमेरिका के एक फिजिशियन अलॉयसिस लिलिअस ने एक नया कैलेंडर दुनिया को दिया. इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहा गया जिसमें साल का पहला दिन 1 जनवरी को माना गया और तभी से 1 जनवरी को नए साल मनाने की परंपरा चली आ रही है. 


पहले मार्च हुआ करता था साल का पहला महीना


15वीं शताब्दी से पहले मार्च को ही साल का पहला महीना माना जाता था. पहले नया साल 25 मार्च या फिर 25 दिसंबर को मनाया जाता था. रोम के पहले राजा नूमा पोंपलिस ने रोमन कैलेंडर में बदलाव किया गया और 2 महीने जोड़े गए.  फिर इसके बाद से ही जनवरी को साल का पहला महीना माना जाने लगा। 


भारत में अलग-अलग तिथियों अनुसार मनाया जाता है नया साल 


भारत बड़ा देश है इसमें कई तरह की संस्कृति और कई धर्म वाले लोग रहते हैं.  भारत में नया साल अलग-अलग समय पर मनाया जाता है. अगर हिंदू नव वर्ष की बात की जाए तो चैत्र मास में शुक्ल प्रतिपदा से इसकी शुरुआत होती है. 


वहीं अगर मराठी लोगों की बात की जाए तो वह गुड़ी पाड़वा के समय नव वर्ष के आगमन को मानते हैं. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश कर्नाटक और तेलंगाना में उगादि को नए साल के तौर पर मनाया जाता है.  केरल में अप्रैल के महीने में नव वर्ष मनाया जाता है।