यूजीसी नेट का पेपर लीक होने के बाद एनटीए की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़ा हो चुका है. आज हम आपको बताएंगे कि किसी भी एग्जाम का पेपर कहां पर रखा जाता है और वहां कितनी सुरक्षा होती है. क्या जहां पर पेपर रखा जाता है, वहां कोई भी जा सकता है? समझिए कैसे होती है किसी भी एग्जाम में पेपर की सुरक्षा व्यवस्था. .
पेपर लीक
देश में अभी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पेपर लीक का बवाल खत्म नहीं हुआ था, अब यूजीसी नेट का पेपर लीक होने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर कई सवाल खड़े हो चुके हैं. हालांकि पेपर लीक होने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी नेट परीक्षा को कैंसल करके इसकी जांच सीबीआई को देने का फैसला किया है.
एनटीए ?
सबसे पहले ये जानते हैं कि एनटीए क्या है, जो इन परीक्षाओं को कराती है. बता दें कि एनटीए का पूरा नाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी है.इसकी स्थापना साल 2017 में हुई थी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्थापना भारतीय संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत हुई थी.
पेपर की सुरक्षा
जानकारी के मुताबिक किसी भी एग्जाम का पेपर सेट होने के बाद इसकी पूरी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. एनटीए जिन परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में कराता है, उन पेपरों की सारी जानकारी और सुरक्षा की जिम्मेदारी एनटीए की होती है. क्योंकि ये परीक्षा ऑनलाइन सर्वर के माध्यम से आयोजित की जाती हैं. वहीं इस बार यूजीसी नेट का पेपर जिस तरीके से ऑफलाइन मोड में हुआ था, ऐसे पेपरों को एग्जाम से पहले अलग-अलग सेंटरों के स्ट्रांग रूम में रखा जाता है. इन स्ट्रांग रूम में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है. इतना ही नहीं पेपर हमेशा सील करके रखा जाता है. वहीं स्ट्रांग रूम के बाहर हमेशा कोई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहता है. एग्जाम से पहले परीक्षा अधिकारी अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ स्ट्रांग रूम खोलकर पेपरों का वितरण कराते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि एग्जाम से पहले पेपर की सील कोई ना खोले.
कौन-कौन से एग्जाम कराता है एनटीए
एनटीए के पास नीट और नेट के अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड एंट्रेंस टेस्ट, कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन्स एग्जाम, कॉमन मैनेजमेंट कम एडमिशन टेस्ट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम, जॉइंट इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट परीक्षाएं करवाने की जिम्मेदारी है.
पेपर कौन तैयार करता?
एनटीए की वेबसाइट के मुताबिक किसी भी एग्जाम पेपर को तैयार करने के लिए सबसे पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट टेस्ट आइटम तैयार करते हैं. इसके बाद उनसे सवालों के बैंक तैयार किए जाते हैं. इसके बाद टेस्ट डवलपमेंट कमेटी इसकी जांच करती है और फिर पेपर लिखे जाते हैं. पेपर लिखे जाने के बाद भी इसकी जांच होती है. जांच के दौरान सवाल को जोड़ा और हटाया जा सकता है. इसके बाद फाइनल पेपर बनते हैं.