हर शख़्स शर्ट तो पहनता ही है, ऐसे में उसे अपनी शर्ट में बटन लगे दिखते हैं, लेकिन शायद ही किसी ने सोचा हो कि आख़िर रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बेहद ज़रूरी ये बटन का अविष्कार किसने किया होगा और आख़िर ये गोल ही क्यों होते हैं. साथ ही वो कौन सा देश है जो सबसे ज़्यादा बटन बनाता है. हालांकि बटन का अविष्कारक भारत को ही माना जाता है जो ईसा से लगभग 2000 साल पहले बनाए गए थे. तो चलिए आज बटन की कहानी जानते हैं.


किसने किया बटन का अविष्कार?


ईसा पूर्व ऐसी कई चीजों का अविष्कार हुआ जो उस वक़्त के लिए बहुत ज़रूरी तो थीं लेकिन उस वक़्त तक उनका निर्माण नहीं हुआ था. हालांकि ज़्यादातर चीजें जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बेहद ज़रूरी बन गई हैं वो बनाई किसने इसका आज भी पता नहीं चल पाया है, इन्हीं में से एक है बटन. ये हमारी ज़िंदगी में बहुत महत्वपूर्ण तो हैं लेकिन इसका अविष्कारक कौन है ये आज तक किसी को नहीं पता है.


सिंधु घाटी की सभ्यता से है कनेक्शन


बटन का सबसे पहले इस्तेमाल सिंधु घाटी की सभ्यता में मिलता है. मोहनजोदड़ो की खुदाई में इसके सबतू भी मिले थे. इतिहासकारों की मानें तो इसका प्रयोग लगभग 2000 साल पहले ईसापूर्व में किया गया होगा. हड़प्पावासी आभूषण के तौर पर इसका इस्तेमाल करते रहे होंगे.


उस समय इनका आकार गोल न होकर ज्यामितीय होता था. उस समय लोग लकड़ी या पत्थर के बटन बनाया करते थे. 13वीं सदी में बटन का इस्तेमाल व्यापारिक तौर पर किया गया था. इस सदी के अंत और 14वीं सदी की शुरूआत तक इनका इस्तेमाल व्यापारिक तौर पर पूरे यरोप में किया जाने लगा था.


ये हैवर्ल्ड कैपिटल ऑफ बटन


भले ही बटन का अविष्कार भारत में हुआ हो, लेकिन अबवर्ल्ड‍ कैपिटल ऑफ बटनके नाम से चीन के झेजियांग प्रांत के किन्तु शहर को जाना जाता है. दरअसल इस शहर में दुनिया में इस्तेमाल होने वाले कुल बटन का 60 फ़ीसदी उत्पादन होता है. वहीं अब सवाल ये भी उठता है कि आख़िर बटन गोल ही क्यों होते हैं. तो बता दें कि इसके पीछे कोई ख़ास वजह नहीं है. दरअसल सबसे ज़्यादा पसंद गोल बटन ही किए जाते हैं और इन्हें लगाना भी आसान होता है इसलिए इनका आकार गोल रखा जाता है. हालांकि ये चोकोर या किसी दूसरे आकार के भी होते हैं. बता दें कि सबसे ज्यादा व्यापार होने वाले देशों में बटन 776वें स्थान पर आता है.


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