पहले होती थी सिर्फ मीट की फिलिंग...भारत पहुंचा तो बन गई ढेरों वैरायटी! पढ़िए मोमोज के भारत पहुंचने की दिलचस्प कहानी
Momos In India: तिब्बत और नेपाल दोनों को ही इसका जन्मस्थान माना जाता है. इसके भारत पहुंचने की कहानी बड़ी दिलचस्प है. जानिए कैसे भारत आकर इसके स्वाद में बदलाव हुआ...
Momos: आजकल मोमोज का नाम लगभग सभी जानते हैं. सब्जियों और मीट से भरा ये स्नैक्स लोगों के दिल पर इस कदर राज कर रहा है कि लोग इसके दीवाने हैं. भाप में बनने वाले इस स्नैक्स की आजकल कई सारी वैरायटी आने लगी है. जिसमे फ्राइड मोमोज से लेकर चीज (Cheese) वाले मोमोज तक शामिल हैं. तीखी चटपटी चटनी के साथ इनके लाजवाब स्वाद के बारे में सोचकर ही मुंह में पानी आ जाता है. लेकिन, क्या आप आपको मालूम है कि आज लोगों के दिल पे छाने वाला ये मोमोज नाम का स्नैक्स भारत कैसे पहुंचा? आइए आज हम आपको बताते हैं.
कहां से आया मोमोज
वैसे तो मोमोज का इतिहास बहुत पुराना है. ये कई देशों से होते हुए भारत पहुंचा है. लगभग 14वीं शताब्दी में सबसे पहले मोमोज बनाया गया था, लेकिन तिब्बत और नेपाल दोनों को ही इसका जन्मस्थान माना जाता है क्योंकि दोनों देश इसके अपना होने का दावा करते हैं. जब यह भारत आया तो यहां के स्वाद के हिसाब से ही इसे बनाया जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि 1960 में बड़ी संख्या में तिब्बती भारत आए और लद्दाख, दार्जिलिंग, धर्मशाला, सिक्किम और दिल्ली जैसे इलाकों में जाकर बस गए. साथ ही मोमोज की सबसे ज्यादा वैरायटी और इसे पसंद करने वाले लोग भी
आपको इन्ही जगहों पर ज्यादा देखने को मिलेंगे. मोमोज के भारत आने की एक कहानी और है, जिसमे कहा जाता है कि काठमांडू से कोई दुकानदार भारत आया और व्यापार के चलते उसके साथ तिब्बत की ये रेसिपी भी भारत आ पहुंची.
भारत में मिला नया स्वाद
सबसे पहले मोमोज को मीट भरकर बनाया जाता था. खासतौर पर इसमें याक का मीट रहता था. लेकिन, तिब्बत के पहाड़ों से उतरकर जब ये स्नैक्स नॉर्थ इंडिया की तरफ आया तो इसे स्वाद के अनुसार सब्जियों की फिलिंग भरकर भी बनाया जाने लगा. कोई भी व्यंजन हो, भारत में उसे यहां के अंदाज में स्वाद मिल ही जाता है. ऐसा ही कुछ मोमोज के साथ भी हुआ है. भारत की स्ट्रीट से लेकर फाइव स्टार होटल में मोमोज की स्पाइसी चिकन मीट, पनीर, वेजिटेबल, चीज, पोर्क और सीफूड की फिलिंग वाली बहुत सारी वैरायटी देखने को मिल जाएंगी.
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