Indian Currency Printing: इंसान को जिंदगी में लगभग हर काम के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है. पैसे सिक्के वाले नहीं बल्कि नोट वाले. भारत में ₹1 से लेकर ₹2000 तक के नोट मार्केट में मौजूद हैं. इनमें अलग-अलग नोटों के अलग-अलग प्रकार नजर आते हैं. यानी कि हर नोट का कागज और कलर अलग होता है.
लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है. कि यह नोट किस कागज पर छपते हैं, कहां बनता है वह कागज, कौन सी स्याही से इस पर लिखाई की जाती है. किस प्रिंटिंग मशीन में छपते हैं नोट. आज हम इस आर्टिकल के जरिए इन तमाम सवालों के जवाब जानेंगे.
भारत में चार जगह छपते हैं नोट?
नोट छापने की बात की जाए तो भारत में कुल चार प्रिंटिंग प्रेस हैं. यह देवास, नासिक, सलबोनी और मैसूर में मौजूद हैं. इनमें से दो प्रिंटिंग प्रेस भारतीय सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आती हैं. तो वहीं दो प्रिंटिंग प्रेस रिजर्व बैंक आफ इंडिया यानी आरबीआई के अधीन आती है. देवास और नासिक में जो प्रिंटिंग प्रेस हैं. वह भारतीय सरकार के अधीन हैं. तो वहीं सलबोनी और मैसूर की प्रिंटिंग प्रेस भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी कंपनी रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के अधीन आती है.
कहां बनती है स्याही?
नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाली स्याही मध्य प्रदेश के देवास में बनाई जाती है. नोट पर जो गहरी स्याही की छपाई होती है. उसे स्विट्जरलैंड की कंपनी एसआईसीपीए द्वारा बनाया जाता है. जो कि सिक्किम राज्य में मौजूद है. विदेश से आने वाली स्याही के मिश्रण में बदलाव कर दिया जाता है ताकि उसकी नकल कोई ना कर पाए.
विदेश से आता है कागज
इंडियन करेंसी में इस्तेमाल होने वाला कागज विदेशों से आयात किया जाता है. जिनमें मुख्य तौर पर यूनाइटेड किंगडम, जापान और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं. इस मामले में आरबीआई द्वारा दी गई और जानकारी के मुताबिक करीब 80% नोटों को छापने के लिए कागज विदेश से मंगाया जाता है. तो वहीं 20% कागज भारत में ही बनता है. भारत में कागज बनाने की इकलौती पेपर मिल मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में है. जहां स्टांप पेपर और नोटों का कागज बनाया है.
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