अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. इन रहस्यों को सुलझाने के लिए दुनियाभर की स्पेस एजेंसी काम कर रही हैं. इसके लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो समेत दुनिया के कई देश अपने अंतरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजते हैं. अब सवाल ये है कि किसी भी कारण से अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की अगर स्पेस में मौत होती है, तो उनका अंतिम संस्कार कहां और कैसे होता है. 


स्पेस मिशन


दुनिया के अधिकांश देश अलग-अलग मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजते हैं. स्पेस में भेजने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह के खतरे होते हैं, इस दौरान उनकी जान भी जा सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर किसी भी अंतरिक्ष यात्री की अगर स्पेस में मौत होती है, तो उसके शव का क्या किया जाता है. 


बता दें कि अंतरिक्ष मिशनों की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 21 अंतरिक्ष यात्रियों की मिशन के दौरान मौत हो चुकी है. सवाल ये है कि अंतरिक्ष में मिशन के दौरान किसी यात्री की मौत होने के बाद उसके शव का क्या किया जाता है. क्योंकि अंतरिक्ष मिशन कई महीनों का होता है, ऐसे स्थिति में किसी यात्री की मौत के बाद उसके शव को लंबे समय तक ऱखना मुश्किल होता है. 


मौत के बाद शव को कहां रखा जाता? 


कई बार स्पेस मिशन के दौरान किसी भी कारण से अंतरिक्ष यात्री की मौत हो सकती है, इस दौरान शव को रखना एक बड़ी चुनौती होती है. जानकारी के मुताबिक किसी भी स्पेस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री की मौत होने पर शव को वापस नहीं लाया जाता है. क्योंकि स्पेसक्राफ्ट में बहुत कम जगह होती है, ऐसे में शव को ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है. ऐसी स्थिति में शव को एयरलॉक सूट में पैक करके अंतरिक्ष में रिलीज कर दिया जाता है. ब्रह्मांड के अधेरे में अंतरिक्ष यात्री का शव सदियों तक घूमता रहता है. वहीं आसमान में ठंड होने की वजह से ना ये कभी सड़ता है ना ही इसमें दुर्गंध आती है. 


मौत को लेकर नियम


अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा समेत अन्य एजेंसियों की अंतरिक्ष यात्रियों की मौत को लेकर अपने नियम हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक अंतरिक्ष यात्री की मौत कहां पर हुई है, यह बात सबसे अहम होती है. किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत पृथ्वी की निचली कक्षा में होती है, तो चालक दल कुछ ही घंटों में शव को एक कैप्सूल में रखकर पृथ्वी तक वापस ला सकता है. बता दें कि अंतरिक्ष मिशन के साथ एक ऐसा कैप्सूल भी दिया जाता है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री के शव को सुरक्षित रखा जा सकता है. अंतरिक्ष की ठंड से इसका तापमान ऐसा हो जाता है जिससे शव को ज्यादा दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है. लेकिन ये निर्णय चालक दल का होता है कि वह शव को अपने साथ रख सकते हैं या नहीं. यदि स्पेसक्राफ्ट में जगह नहीं होती है और मिशन लंबा होता है तो शव को आसमान में छोड़ देना ही एकमात्र विकल्प होता है.


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