Afeem Farming: अफीम एक ऐसा नशा है, जिसको लेकर दुनिया के हर देश में अलग-अलग कानून बनाए गए हैं. दुनिया में सबसे अधिक अफीम का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है, जहां से विश्व भर में उसे एक्सपोर्ट किया जाता है. अगर भारत की बात करें तो यहां पर अफीम की खेती बड़ी मात्रा में नहीं की जाती है. इसकी खेती करने के लिए सरकार से एक अलग लाइसेंस लेना पड़ता है और सरकार लाइसेंस को कुछ ही राज्यों के किसानों को जारी करती है. आज की स्टोरी में हम यह जानेंगे कि भारत के किस राज्य में सबसे अधिक अफीम की खेती होती है और इसकी अनुमानित कीमत कितनी होती है?
अफीम कितने की बिकती है?
अफीम दुनिया में सबसे अधिक चर्चा में रहने वाला नशीला पदार्थ है. इसके बीजों से मार्फिन, लेटेक्स, कोडीन और पनैनथ्रिन जैसे शक्तिशाली एल्कालोड्स बनाया जाता है. हेरोइन को भी इसी का सोर्स माना जाता है. जहां तक रही बात इसके कीमत की तो वह फसल की क्वालिटी के आधार पर तय होती है. अमूमन यह 8,000 से 1,00,000 प्रति किलो की रेट पर मार्केट में बिकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पुड़ियों में बिकने पर इसकी कीमत लाखों रुपये तक पहुंच जाती है.
इसके पौधे की लंबाई 3 से 4 फिट तक होती है. यह पौधा हरे रेशों और चिकने कांडवाला होता है. अफीम के डंठल विहीन, पत्ते लम्बे और गुड़हल के पत्तों की तरह ही होते हैं. इस फसल के फूल सफेद और नीले रंग में कटोरीनुमा होते हैं. अफीम का रंग काला होता है. टेस्ट की बात करें तो यह बहुत कड़वा लगता है.
यहां होती है इसकी सबसे अधिक पैदावार
भारत में अफीम की खेती सभी राज्यों में नहीं होती है. किसानों को इसकी खेती के लिए पहले सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स से लाइसेंस लेना होता है. सिर्फ तीन राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं. मौजूदा समय में मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच, राजस्थान के कोटा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व प्रतापगढ़ और उत्तर प्रदेश के लखनऊ व बाराबंकी में अफीम की खेती की जा रही है. यहां साढ़े 5 हजार हेक्टेयर में खेती का रकबा तय किया गया है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट की बात करें तो सबसे अधिक राजस्थान और जिले के हिसाब से देखें तो प्रतापगढ़ में इसकी सबसे अधिक खेती होती है.
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