First Sunrise In India: यदि आप प्रकृति के रूप में ईश्वर के प्रेम को देखना चाहते हैं, तो सूर्योदय को देखें. सचमुच, जब सूरज की पहली किरणें धरती को छूती हैं, तो पूरा दिन स्वस्थ और तरोताजा हो जाता है. यह तो सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जिसकी वजह से दिन और रात होते हैं. क्या आपको मालूम है कि भारत में सबसे पहले सूर्योदय कहां होता है? शायद ज्यादातर लोगों को मालूम होगा कि भारत में अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहले दिन निकलता है. लेकिन, यहां हम अरुणाचल प्रदेश की उस जगह के बारे बताएंगे, जहां सूरज की किरण देश के बाकी हिस्सों से पहले पहुंचती हैं.


देश में यहां पड़ती है सूरज की पहली किरण


बहुत कम लोग अरुणाचल प्रदेश के उस विशिष्ट स्थान के बारे में जानते हैं, जहां सूर्य की किरणें सबसे पहले पड़ती हैं. अरुणाचल प्रदेश राज्य में सूर्य सबसे पहले उगता है. सूर्य की किरणें सबसे पहले इसी राज्य की भूमि पर पड़ती हैं. अरुणाचल प्रदेश में वह सटीक स्थान, जहां सूर्य सबसे पहले दिखाई देता है डोंग वैली की वेदांग वैली है. भारत, चीन और म्यांमार के त्रि-जंक्शन पर स्थित, अरुणाचल प्रदेश के इस छोटे से गांव को पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित भारत का पहला गांव भी कहा जा सकता है. भारत में सूर्य की पहली किरणें इसी गांव की धरती पर पड़ती हैं.


सुबह 4 बजे तक हो जाती है काफी रोशनी


नए साल के दौरान देशभर से पर्यटक सूरज की पहली किरण देखने के लिए यहां आते हैं. दिल्ली में जब दोपहर के चार बजते हैं तो यहां रात का समय होता है. यहां सुबह 3 बजे से ही सूरज की लालिमा दिखाई देने लगती है. यहां की शाम भी लगभग सुबह जैसी ही होती है. आप साल के किसी भी समय डोंग विलेज की यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, यहां जाने के लिए सबसे बढ़िया समय अप्रैल और अक्टूबर के बीच का होता है. जब दिल्ली और मुंबई सहित देश के अधिकांश हिस्से सुबह 3 बजे गहरी नींद में होते हैं, तो सूरज की पहली किरणें इस डोंग गांव में पड़ती हैं और सुबह 4 बजे तक यह पूरी तरह से उज्ज्वल हो जाता है.


12 घंटों का होता है दिन


डोंग गांव में दिन का प्रकाश लगभग 12 घंटे का होता है. जब देश के अन्य हिस्सों में लोग शाम 4 बजे चाय की तैयारी कर रहे होते हैं, तो इस गांव में रात हो जाती है. लोग रात का खाना पकाने और सोने की तैयारी करने में व्यस्त रहते हैं. डोंग गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. यह लगभग 1240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और लोहित और सती नदियों के संगम पर स्थित है. इस गांव में भारत की सीमाएं चीन और म्यांमार से मिलती हैं. जानकारी के अनुसार, इस गांव की आबादी बमुश्किल 35 व्यक्तियों की है.


पहले अंडमान के कच्छल द्वीप को प्राप्त था ये दर्जा


साल 1999 से पहले तक यही माना जाता था कि भारत में सूरज की पहली किरणें अंडमान के कच्छल द्वीप पर पड़ती थीं. यह गांव 1999 में प्रमुखता से आया और पता चला कि यह अंडमान नहीं, बल्कि अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव है, जहां सबसे पहले सूर्योदय होता है. इस खुलासे के बाद इस जगह पर पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों की आवाजाही काफी बढ़ गई है.


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