अंतरिक्ष से जो सैटेसाइट का मलबा आता है धरती पर उसे कहां रखा जाता है?
धरती पर एक खास जगह है जहां सैटेलाइट का मलबा रखा जाता है. इसे प्वाइंट निमो कहा जाता है. ये इंसानी बस्तियों से इतनी दूर है कि वहां पहुंच पाना आम इंसान के लिए लगभग नामुमकिन है.
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धरती के ऊपर स्पेस में इस वक्त हजारों सैटेलाइट मंडरा रहे हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि जो सैटेलाइट पुराने हो जाते हैं या खराब हो जाते हैं आखिर उन्हें स्पेस से लाकर धरती पर कहां रखा जाता है. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में वही बताते हैं.
सैटेलाइट जब खराब हो जाता है तो क्या होता है
स्पेस साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, जब कोई सैटेलाइट एक्सपायर हो जाता है या खराब हो जाता है तो उसे हटाने के दो विकल्प होते हैं. ये दोनों विकल्प इस बात पर निर्भर करते हैं कि सैटेलाइट धरती के ऑर्बिट से कितनी दूरी पर मौजूद है. अगर सैटेलाइट हाई ऑर्बिट में है तो वैज्ञानिक उसे स्पेस में ही और आगे भेज देते हैं, ताकि वो धरती के ऑर्बिट से दूर हो जाए और पृथ्वी पर उसके गिरने का कोई खतरा ना हो. जबकि, अगर सैटेलाइट लो ऑर्बिट में होता है तो वैज्ञानिक उसे धरती पर लैंड करा देते हैं. लेकिन लैंडिंग के दौरान सैटेलाइट का ज्यादातर हिस्सा पूरी तरह बर्बाद हो जाता है. इसे ही सैटेलाइट का मलबा कहते हैं.
कहां रखा जाता है मलबा
धरती पर एक खास जगह है जहां सैटेलाइट का मलबा रखा जाता है. इसे प्वाइंट नीमो कहा जाता है. ये इंसानी बस्तियों से इतनी दूर है कि वहां पहुंच पाना आम इंसान के लिए लगभग नामुमकिन है. इस जगह को समुद्र का केंद्र भी कहा जाता है. निमो लैटिन भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है (जहां कोई नहीं रहता). आपको बता दें, ये जगह ये जगह दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच में कहीं स्थित है.
इंसानों को पहले इस जगह के बारे में नहीं पता था. इसे लगभग 29 साल पहले एक कनेडियन मूल के इंजीनियर ने एक खास फ्रीक्वेंसी की मदद से खोजा था. कहते हैं कि ये जगह किसी बड़े देश की सीमा में नहीं आती. इस जगह से कोई भी द्वीप लगभग 2688 किलोमीटर दूर है. यही वजह है कि इस जगह को दुनिया की सबसे वीरान जगह भी कहते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जगह पर अब तक सौ से ज्यादा सैटेलाइट्स का मलबा इकट्ठा किया जा चुका है.
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