Crime Capital: भारत में सबसे ज्यादा क्राइम किस शहर में होता है, कहते हैं इसे क्राइम कैपिटल
देश के कई राज्यों में अपराध बढ़े हैं, तो वहीं कई राज्यों में अपराध की घटनाएं कम हुई हैं. आज हम आपको बताएंगे, देश के किन राज्यों में सबसे ज्यादा अपराध बढ़ा है और इसके पीछे की वजह क्या है.
देश के कई राज्यों में क्राइम रेट बढ़ा है, तो वहीं कुछ राज्यों में क्राइम रेट घटा भी है. देश के अलग-अलग राज्य सरकार और प्रशासन लगातार अपराध कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद कुछ राज्यों में आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. आज हम आपको बताएंगे कि भारत के किन राज्यों में सबसे ज्यादा आपराधिक मामले सामने आते हैं.
क्राइम रेट
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति लाख आबादी पर ओवरऑल क्राइम में कमी आई है, मगर साइबर क्राइम खूब बढ़ा है. 2021 में जहां देशभर में 60.9 लाख आपराधिक मामले दर्ज हुए थे, 2022 में यह आंकड़ा 58.2 लाख रहा है. 2021 के मुकाबले, 2022 में साइबर अपराध के मामलों में 24.4% की बढ़त दर्ज की गई है.
राजधानी दिल्ली
बता दें कि दिल्ली का क्राइम रेट सबसे ज्यादा है. इसके बाद केरल, हरियाणा, गुजरात और तमिलनाडु का नंबर आता है. वहीं हत्या, अपहरण जैसे अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ है. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4.45 लाख मामले दर्ज हुए थे,जो 2021 से 4% ज्यादा है. बच्चों के खिलाफ अपराध के आंकड़े भी चिंताजनक रफ्तार से बढे़ हैं. 2021 के मुकाबले 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध 8.7% बढ़ा है. 2022 में कुल 53.9 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 43.7 लाख आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई थी. इनमें 10.5 लाख को दोषी ठहराया गया, 9.81 लाख को बरी कर दिया गया था.
यूपी नंबर वन
बता दें कि राजधानी दिल्ली महिला संबंधित क्राइम में सबसे आगे है. वहीं जब भारत में वर्ष 2022 में अपहरण के एक लाख से अधिक मामले दर्ज हुए थे. इस मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर था. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश में अपहरण के हर दिन औसतन 294 से अधिक जबकि हर घंटे 12 से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में प्रति एक लाख आबादी पर अपराध की औसत दर 7.8 थी, जबकि ऐसे अपराधों में आरोप पत्र दायर करने की दर 36.4 थी.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 2022 में अपहरण की 5,641, 2021 में 5,527 और 2020 में 4,062 एफआईआर दर्ज हुई थी. उत्तर प्रदेश में 2022 में अपहरण के सबसे अधिक 16,262 मामले दर्ज हुए थे, जो 2021 में 14,554 और 2020 में 12,913 थे. हालांकि महिलाओं, बच्चों के प्रति अपराध, हत्या और लूट मामले में यूपी में सुधार हुआ है. इस तरह के अपराध अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी में कम हुए हैं और यूपी की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है.
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