इन देशों के पास अपनी खुद की सेना ही नहीं है... युद्ध हुआ तो दूसरों से लेनी पड़ेगी मदद
इन देशों का अगर किसी ओर देश के साथ युद्ध हुआ तो इनको किसी और देश की लेनी पड़ेगी मदद. कोई देश इन पर हमला कर दे तो यह देश अपनी सुरक्षा कैसे करेंगे? आइए आगे इस सवाल का जवाब जानते हैं.
Army : आधुनिकता के इस दौर में किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सेना से लगाया जा सकता है. सेना जितनी अत्याधुनिक और संख्याबल में बड़ी होगी उस देश को दुनिया में उतना ही ताकतवर माना जाएगा. पर क्या आपको पता है आज भी कुछ देश ऐसे हैं जिसके पास अपना सैन्य बल नही है. इन देशों का अगर किसी और देश के साथ युद्ध हुआ तो इनको किसी और देश की लेनी पड़ेगी मदद.
इन देशों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी किसी और देश पर निर्भर है. इनमे से कुछ देशों का आउटसोर्स करने से काम चलता है तो कई देशों को सुरक्षा की जरूरत ही नहीं है. ऐसे में सवाल यह बनता है कि भविष्य में अगर कोई देश इनपर हमला कर दे तो यह देश अपनी सुरक्षा कैसे करेंगे? आइऐ आगे इस सवाल का जवाब जानते हैं.
इन देशों के पास नहीं है अपनी खुद की सेना
कोस्टा रिका (Costa Rica)
आपको बता दें 1949 के बाद से कोस्टा रिका में कोई सेना नहीं है. ना ही कोई सशस्त्र बल है. 1948 में कोस्टा में गृहयुद्ध छिड़ गया था... इसके बाद से इस देश में सेना को समाप्त कर दिया था. आमतौर पर पुलिस फोर्स का इस्तेमाल ही इस देश की सुरक्षा के लिए किया जाता है. यह एक ऐसा देश है जहां पुलिस ही देश की रक्षा करती है. आंतरिक मामलों को सुलझाने के लिए भी पुलिस ही मौजूद होती है.
पनामा (Panama)
यह देश भी बिना सैन्य बल के चल रहा है. 1990 के बाद से यहां कोई सैन्य बल नहीं है. हालांकि, देश की आंतरिक समस्याओं और सीमा की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा दस्ता तैयार कर रखा है. इसे पनामा पब्लिक बल कहते हैं.
मॉरीशस (Mauritius)
दुनिया के जाने माने देश मॅारीशस के पास भी अपना सैन्य बल नही है. इसको मॅारीशस द्वीपीय देश भी कहा जाता है. यहां हिंदू आबादी तीसरे नंबर पर है. लगभग 10,000 हजार पुलिस कर्मचारियों से बनी पर्सनल फोर्स यहां की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देख रेख करती है.
वेटिकन सिटी (Vatican City)
वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश और सबसे कम आबादी वाला देश भी है. इस देश की आबादी की बात की जाए तो यहां मात्र 480 लोग ही हैं. यहां कैथोलिक चर्च का मुख्यालय है. जहां पोप प्रमुख और दूसरे अधिकारी रहते हैं. दुनिया के सबसे छोटे देश की कोई स्थाई सेना नहीं है. यांत्रिक सुरक्षा के लिए Gendarmerie नाम की पुलिस है. वही स्विंग गार्ड यहा Holy See की रक्षा करने के लिए तैयार रहते हैं.
सामोआ (Samoa)
इस देश की स्थापना के समय से ही इस देश में कोई सेना नहीं है. एक पुलिस बल आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखता है. सन 1962 के रक्षा समझौते के अनुसार, न्यूजीलैंड इसकी रक्षा के लिए जिम्मेदार है. दरअसल, इस देश को न्यूजीलैंड से आजादी इसी शर्त पर मिली थी कि वह अपनी कोई सेना नहीं बनाएगा. इन दोनों देशों के बीच हुई संधि के अनुसार, जब भी सामोआ को सेना की जरूरत होगी तो वह न्यूजीलैंड से मदद मांगेगा.
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