भीषण गर्मी और 1,301 हज यात्रियों की मौत के चलते उन दिनों हज यात्रा चर्चाओं में है. मरने वाले हज यात्रियों में सबसे ज्यादा मिस्र के 660 लोग, इंडोनेशिया के 199 और भारत के 98, जॉर्डन से 75, ट्यूनीशिया से 49 पाकिस्तान से 35 और ईरान से 11 थे. सऊदी अरब ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया है मरने वालों में ज्यादातर वो लोग थे जो अवैध तरीके से मक्का-मदीना पहुंचे थे. सबसे ज्यादा मिस्त्र के 630 लोग बिना वीजा के हज के लिए पहुंचे थे. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई मृतक सड़कों पर ही पड़े हुए थे और हज करने वाले लोग इन्हीं के बीच से हज के लिए जा रहे थे. ज्यादातर लोगों के मरने की वजह भीषण गर्मी बताई गयी है. वहीं इस बार हज के लिए लगभग 18 लाख लोग सऊदी अरब पहुंचे थे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर किस देश के लोग सबसे ज्यादा सऊदी अरब की यात्रा के लिए जाते हैं?


हज के लिए सबसे ज्यादा जाते हैं इस देश के लोग


बता दें कि दुनियाभर में हर साल मुस्लिम सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए जाते हैं. हज में पांच दिन का समय लगता है और ये ईद उल अजहा यानी बकरीद के साथ पूरी होती है. सऊदी अरब हर देश के हिसाब से हजका कोटा तैयार करता है. जिसमें इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा होता है. इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और फिर नाइडीरिया का नंबर आता है. इसके अलावा ईरान, तुर्किये, मिस्र, इथियोपिया समेत कई देशों से हज यात्री सऊदी अरब पहुंचते हैं. हज यात्रा के लिए सबसे पहले यात्री जेद्दाह शहर पहुंचते हैं. फिर वहां से वो बस के जरिए मक्का शहर जाते हैं.


क्या है हज?


इस्लाम धर्म में 5 फर्ज में से एक फर्ज हज है. मान्यता है कि हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार इस फर्ज को पूरा करना जरुरी है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 628 में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 शिष्यों के साथ एक यात्रा शुरू की थी. जो इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर इब्राहिम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया. यही हज कहलाती है.                                                                          


यह भी पढ़ें: 50 Years Of Emergency: क्या प्रधानमंत्री के पास भी होती है इमरजेंसी लगाने की ताकत?