ब्रिटिश राज के दौरान किस भारतीय को पहली बार दी गई थी फांसी की सजा
भारत में अब कोर्ट द्वारा किसी व्यक्ति पर आरोप सिद्ध होने पर उसेे फांसी की सजा दी जाती है, लेकिन क्या आपको पता है ब्रिटिश हुकूमत में पहली बार किसे फांसी के फंदेे पर चढ़ाया गया था.
![ब्रिटिश राज के दौरान किस भारतीय को पहली बार दी गई थी फांसी की सजा Which Indian was given death sentence for the first time during the British Raj ब्रिटिश राज के दौरान किस भारतीय को पहली बार दी गई थी फांसी की सजा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/01/4417b441e28c399c844df3a718ed5c381706770853274742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
भारत में ब्रिटिश हुकूमत ने लगभग 200 साल राज किया. आज के समय में किसे फांसी की सजा दी जानी है इसका फैसला अदालतों द्वारा किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रिटिश हुकूूमत में पहली बार किसेे फांसी की सजा सुनाई गई थी और उनका गुनाह क्या था. यदि नहीं तो चलिए आज जान लेते हैं.
ब्रिटिश हुकूमत में पहली बार किसे सुनाई गई थी फांसी की सजा
बात 1757 की है. जब बंगाल के नवाब के अधिकार क्षेत्र में फ्रांसीसी बस्ती चंद्र नगर पर हमले की तैयारी कर रहे थे. इस बात की भनक जब नवाब सिराजुद्दौला को लगी तो उन्होंने नंद कुमार को एक बड़ी सेना के साथ फ्रांसीसियों और वहां की भारतीय प्रजा की रक्षा के लिए तुरंत चंद्र नगर भेज दिया, लेकिन जैसे ही नंद कुमार चंद्र नगर पहुंचा तो अंग्रेजों ने उसे रिश्वत का लालच देकर अपने पक्ष में करना चाहा. नंदकुमार भी इस लालच में आ गया और चंदन नगर से हट गया. जिसके बाद उस क्षेेत्र पर आसानी से अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया.
गद्दार के साथ हुई गद्दारी
इसी साल रिश्वत और धोखे के सहारे प्लासी के युुद्ध में सिराजुद्दौला को हराकर गद्दार मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना दिया. इस दौरान बंगाल में कई उथल-पुुथल चल रहे थे. वहां नवाब भी तेजी सेे बदल रहे थे और उनकेे नवाब भी.
इस बीच नंदकुमार को अंग्रेजों की चाल समझ आ गई. उस समय तक अंग्रेज गवर्नर भी बदल गया था. अब अंग्रेज गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने महाराज नंदकुमार को हमेशा के लिए खत्म करने की योजना बना ली थी. ऐसे में जालसाजी और हत्या का एक झूठा मुकदमा कलकत्ता के कोर्ट में गया. कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश सर एलिजाह इंपी वारेन हेस्टिंग्स का बचपन का दोस्त था. जैसा कि अंग्रेज चाहते थे ये मुकदमा 7 दिन चला और महाराजा नंदकुमार को फांसी की सजा सुना दी गई. जिसकेे बाद 5 अगस्त 1775 में उन्हें कलकत्ता में फांसी पर लटका दिया.
कहा जाता है ये अंग्रेजी हुकूमत में किसी को दी गई पहली फांसी थी.
यह भी पढ़ें: सरकार पेश करती है करोड़ों का बजट, क्या आप जानते हैं इसमें आपका दिया हुआ पैसा कितना है?
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)