रैबिट से लेकर पैरट फीवर तक...जानवरों के नाम पर क्यों रखे गए इन बीमारियों के नाम?
चीन में फैलेह्मयूमन मेटा न्यूमोवायरस (HMPV) ने दुनियाभर को चिंता में डाल दिया है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इन वायरस का नाम कौन रखता है और जानवरों के नाम पर वायरस का नाम कैसे पड़ता है.
चीन में फैले ह्मयूमन मेटा न्यूमोवायरस (HMPV) नाम के वायरस ने एक बार फिर से दुनिया को डरा दिया है. चीन में फैला ये वायरस अब भारत समेत कई देशों में अपना पैर पसार रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी वायरस का नाम कौन रखता है और रैबिट से लेकर पैरट फीवर बीमारियों का नाम जानवर के नाम पर क्यों रखा जाता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
वायरस से परेशान है दुनिया
दुनियाभर में हर साल लगभग कोई ना कोई नई बीमारी, वायरस फैलता ही है. हालांकि सभी वायरस इतने खतरनाक नहीं होते हैं, जिससे पूरी दुनिया पर असर पड़ता है. आखिरी बार कोविड ही एक ऐसा वायरस था, जिसके कारण पूरी दुनिया की रफ्तार थम गई थी. इसके अलावा भी कई ऐसी बीमारियां हैं, जिससे इंसानों को खतरा रहता था. जिसमें रैबिट, पैरट फीवर, बर्ड फ्लू समेत कई अन्य बीमारियां शामिल हैं. लेकिन क्या आपके मन में भी ये सवाल आता है कि आखिर वायरस का नाम कौन रखता है और जानवरों के नाम पर भी बीमारियों का नाम क्यों रखा जाता है.
कौन रखता है वायरस का नाम?
अब सवाल ये है कि दुनियाभर में जो भी नए वायरस आते हैं, उनका नाम कौन रखता है? बता दें कि नए वायरस का नाम वायरोलॉजिस्ट और अन्य वैज्ञानिक समुदाय के लोग रखते हैं. ये वैज्ञानिक इंटरनेशनल कमेटी ऑन टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस (ICTV) का हिस्सा होते हैं. किसी भी वायरस का नाम आईसीटीवी की तरफ से ही रखा जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि किसी भी वायरस का नाम कैसे रखा जाता है. जानकारी के मुताबिक किसी भी वायरस का नाम उनकी आनुवंशिक संरचना के आधार पर रखा जाता है. इतना ही नहीं कई बार माइक्रोस्कोप से वायरस के रूप और गुण के आधार पर भी नाम रखा जाता है. किसी भी वायरस का ना परीक्षणों, टीकों और दवाओं के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए रखा जाता है.
जानवरों के नाम पर क्यों रखा जाता है नाम?
मंकी पॉक्स, रैबिट, पैरट फीवर, बर्ड फ्लू समेत तमाम ऐसे वायरस के नाम हैं, जो जानवरों के नाम पर रखे गए हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर जानवरों के नाम पर वायरस का नाम क्यों रखा जाता है. बता दें इंसानों की तरह ही जानवरों के अंदर भी बीमारियां होती हैं. लेकिन कई बार जानवरों के अंदर कुछ ऐसी बीमारियां भी होती हैं, जो इंसानों तक पहुंच जाती है. ये ही बीमारियां वायरस का रूप लेती है और बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है. वहीं इंटरनेशनल कमेटी ऑन टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस सेंटर इनकी आनुवंशिक संरचना के आधार पर रखा उन्हीं जानवरों के नाम पर वायरस का नाम रख देते हैं. जिससे वायरस को समझने में आसानी होती है.
ये भी पढ़ें:कैसे होता है मुख्य चुनाव आयुक्त का सेलेक्शन, किन योग्यताओं के आधार पर होता है चयन?