शरीर का कौनसा हिस्सा नहीं झेल सकता ज्यादा गर्मी, शरीर में दिखेंगे ये बदलाव
देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. अत्यधिक गर्मी का असर शरीर पर भी पड़ रहा है.क्या आप जानते हैं कि तापमान अधिक होने पर सबसे ज्यादा शरीर के पार्ट पर पड़ता है. जानें इससे शरीर को क्या नुकसान पहुंच सकता.
राजधानी दिल्ली समेत पूरे देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान बढ़ने के कारण कई जगहों पर लोग गंभीर बीमार भी पड़ रहे हैं. देश के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के किस हिस्से में सबसे ज्यादा गर्मी लगती है. आज हम आपको बताएंगे कि शरीर के किस हिस्से पर गर्मी का असर ज्यादा पड़ता है.
गर्मी
देश के हर हिस्से में अत्यधिक गर्मी पड़ रही है. दिल्ली और राजस्थान के कई शहरों में तापमान 50 डिग्री पार कर चुका है. ऐसी स्थिति में हर कोई गर्मी से बचने का हर संभव प्रयास कर रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब तापमान 48 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंचता है, तब मानव शरीर के लिए कितना खतरनाक हो जाता है. जानिए गर्मी बढ़ने से शरीर में कौन-कौन सी दिक्कत होती है. बता दें कि सामान्य मानव शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है. ये 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है. माना जाता है कि अधिकतम तापमान जिस पर मनुष्य जीवित रह सकता है वह 108.14 डिग्री फारेनहाइट या 42.3 डिग्री सेल्सियस होता है.
तापमान का ब्रेन पर असर
बता दें कि 48-50 डिग्री सेल्सियस तापमान मानव शरीर के लिए झेल पाना ही मुश्किल होता है. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के संपर्क में लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंच सकता है. बता दें कि 46-60 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान पर मस्तिष्क कोशिकाएं मरने लगती हैं, क्योंकि मस्तिष्क कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन जमना शुरू हो जाता है. 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान विभिन्न प्रकार की मस्तिष्क कोशिकाओं पर विनाशकारी प्रभाव डालता है.
तापमान अधिक होने के कारण मांसपेशियां में समस्या शुरू हो सकती है. निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है, जिससे सरल काम करना भी मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा गर्मी के कारण चकत्ते और अंदर का खून बाहर आने लगता है. त्वचा के पास की रक्त कोशिकाएं फट सकती हैं. बता दें कि ऑक्सीजन या पोषक तत्वों की कमी वाले क्षेत्रों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है. वहीं श्वसन तंत्र सांस लेने की दर बढ़ जाती है, जिससे तेज, उथली सांस लेने की समस्या हो सकती है. आसान भाषा में समझिए कि 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में लंबे समय तक रहने से गर्मी से थकावट, हीटस्ट्रोक और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है.