Quota For Local People In Jobs: क्या आप जानते हैं भारत के किस राज्य की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए सबसे ज्यादा कोटा है? इस फेहरिस्त में किस-किस राज्य का नाम शामिल है? दरअसल राज्य में नौकरियों में लोकल लोगों को आरक्षण देने के मामले में कर्नाटक का नाम टॉप-3 राज्यों में शुमार है. कर्नाटक राज्य सरकार ने ‘कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार विधेयक, 2024’ को मंजूरी दी थी. इसके बाद इसमें स्थानीय लोगों के लिए गैर-प्रबंधन नौकरियों में 75 प्रतिशत और प्रबंधन नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य कर दिया.


आंध्र प्रदेश


वहीं, कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश का नंबर है. वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने निजी क्षेत्र और सार्वजनिक-निजी भागीदारी कंपनियों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए 75 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित करने वाला विधेयक पारित किया था. इसके बाद आंध्र प्रदेश उद्योग और कारखानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2019 ने सभी औद्योगिक इकाइयों, कारखानों और संयुक्त उद्यमों में तीन-चौथाई निजी नौकरियों को आरक्षित करने का आदेश दिया गया. यह विधेयकर तकरीबन 5 साल पहले पारित किया गया था.


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हालांकि, इस विधेयक को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. जिसके बाद अदालत ने कहा था कि यह ‘असंवैधानिक हो सकता है’.


हरियाणा


इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत कोटा का प्रावधान किया. हालांकि, यह कोटा 30,000 रुपये से कम मासिक वेतन वाली निजी नौकरियों के लिए है. इस विधेयक को मार्च 2021 में राज्यपाल की मंजूरी मिली. इसके बाद तकरीबन 3 साल पहले लागू किया गया. यह कानून सभी कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, सीमित देयता भागीदारी फर्मों, साझेदारी फर्मों पर लागू होता. हालांकि, पिछले नवंबर में अदालत ने कोटा विधेयक को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य ‘इस तथ्य के आधार पर व्यक्तियों के साथ भेदभाव नहीं कर सकता कि वे किसी निश्चित राज्य से संबंधित नहीं हैं.’ इसके बाद मामला लेकर हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.


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झारखंड


हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड सरकार ने निजी क्षेत्र में 40,000 रुपये मासिक वेतन तक के पदों पर स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण संबंधी विधेयक पारित किया. इसके मुताबिक, नियोक्ता ऐसे कर्मचारियों को जिनका ग्रॉस मंथली वेतन 40,000 रुपये से अधिक नहीं है, अधिनियम के लागू होने के तीन महीने के भीतर खास पोर्टल पर रजिस्टर करेगें. साथ ही, प्रत्येक एम्पलॉयर ऐसे पदों के संबंध में जहां वेतन या मजदूरी 40,000 रुपये से अधिक नहीं है, इस अधिनियम के नोटिफिकेशन की तारीख और उसके बाद कुल मौजूदा वैकेंसी में से 75 प्रतिशत को स्थानीय उम्मीदवारों द्वारा भरेगी.


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