आप भी OTT पर फिल्में देखते होंगे... क्या जानते हैं इसका पूरा नाम क्या है और कैसे होती है इनकी कमाई?
कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखने के लिए भुगतान करना पड़ता है, कुछ फ्री में कंटेंट उपलब्ध कराते हैं. ऐसे में ये प्लेटफॉर्म्स तीन तरह से कमाई करते हैं, जिनके बारे में हमने इस आर्टिकल में बताया है.
How OTT Platform Earn: कोविड के दौरान बहुत सी बड़ी बजट की फिल्में भी ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई हैं. अब हालात सामान्य होने और सिनेमाघर खुलने के बाद भी जब कोई फिल्म रिलीज होती है तो आपने कई लोगों को ऐसा बोलते सुना होगा कि 'यार जब फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आएगी तब देख लेंगे'. लेकिन, क्या कभी आपने ये सोचा है कि सिनेमाघरों में तो टिकट का पैसे जाता है, फिल्में रिलीज करने के लिए प्रोडक्शन हाउस की तरफ से पैसे देने सहित कई और काम होते हैं, लेकिन OTT प्लेटफॉर्म्स का बिजनेस कैसे होता है? इनको कमाई कैसे होती है, क्योंकि यहां फिल्म देखने के लिए तो कोई टिकट भी नहीं खरीदना पड़ता है?
लोकप्रिय हैं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स
पिछले दो, तीन सालों से लोगों के एंटरटेनमेंट के तरीकों में काफी बदलाव आया है. कोरोनो काल में जब लॉकडाउन में लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर थे, तब समय बिताने में उनका साथ दिया ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने, तभी से इनकी लोकप्रियता भी बढ़ी है. ओटीटी प्लेटफॉर्म का पूरा नाम ऑवर द टॉप (Over The Top) कहा जाता है. कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखने के लिए आपको भुगतान करना पड़ता है. वहीं, कुछ प्लेटफॉर्म्स ऐसे भी हैं जहां आपको कुछ या फिर सारा ही कंटेंट फ्री में मिल जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इनकी कमाई कैसे होती है.
ओटीटी की कमाई कैसे होती है?
दरअसल, OTT Platform तीन तरह से काम करता है. पहला होता है TVOD यानी Transactional Video On Demand, दूसरा SVOD यानी Subscription Video On Demand और तीसरा होता है AVOD यानी Advertising Video On Demand.
- TVOD, यानी जब यूजर प्लेटफॉर्म से कुछ डाउनलोड करता है तो उसे इसके लिए पैसे देने पड़ते हैं यानी कंटेंट के बदले हर बार ट्रांजेक्शन होता है.
- SVOD में यूजर एक महीने या कुछ दिन के लिए (प्लान के मुताबिक) एक बार पैसे देता है और महीनेभर तक जी भर के अपना मनपसंद कंटेंट देखता है.
- AVOD में यूजर को वैसे तो कोई चार्ज नहीं देना पड़ता, लेकिन कंटेंट देखने के दौरान बीच में कई बार एड्स आते हैं. इन एड्स के लिए भी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पैसे मिलते हैं और यूजर इन्हे स्किप नहीं कर सकता है. इन विज्ञापनों के जरिए ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बहुत तगड़ी कमाई होती है. इस तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स कमाई करते हैं.
भारत का पहला ओटीटी प्लेटफार्म
OTT प्लेटफार्म की शुरुआत अमेरिका में हुई थी, लेकिन आज के समय में भारत के लोगों में भी इसका तगड़ा क्रेज है. गौरतलब है कि भले ही Netflix Prime Video या Hotstar जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं, लेकिन इनमें से कोई भी भारत का पहला ओटीटी प्लेटफार्म नहीं है. साल 2008 में रिलायंस एंटरटेनमेंट ने भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी. रिलायंस एंटरटेनमेंट ने भारत में सबसे पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म Bigflix लॉन्च किया था. उसके बाद साल 2010 में Digivive ने NEXG TV नाम से ओटीटी मोबाइल एप लॉन्च हुए, जिनमें वीडियो ऑन डिमांड के साथ टीवी देखने की भी सुविधा थी.
यह भी पढ़ें - बहुत सारे लोग नहीं जानते OTT का फुल फॉर्म, क्या आपको मालूम है?