Diplomatic Passport: कौन कर सकता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को कैंसिल? जानें कैसे हो सकता है रद्द
भारतीय नागरिक बिना पासपोर्ट के दूसरे देशों की यात्रा नहीं कर सकते हैं.लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कितने तरह के पासपोर्ट होते हैं और डिम्लोमेटिक पासपोर्ट बाकी सभी पासपोर्ट से कितना अलग होता है.
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भारतीय नागरिकों को अलग-अलग समय पर कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. जैसे पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड, टैक्स भरने के लिए पैन कार्ड, गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और विदेश जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पासपोर्ट कितने प्रकार के होते हैं और ये डिप्लोमेटिक पासपोर्ट किसको मिलता है. आज हम आपको डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के बारे में बताएंगे.
पासपोर्ट
सबसे पहले ये जानते हैं कि भारतीय पासपोर्ट कितने तरह के होते हैं. भारत सरकार, पासपोर्ट एक्ट 1967 (Passport Act 1967) के तहत 3 कैटेगरी में पासपोर्ट जारी करती है. पहला सामान्य पासपोर्ट, दूसरा ऑफिशियल पासपोर्ट और तीसरा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होता है. बता दें कि भारतीय नागरिकों को जो पासपोर्ट दिया जाता, वो नीले रंग का होता है. दूसरा पासपोर्ट सफेद होता है. इस पासपोर्ट का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी अधिकारी अपनी आधिकारिक यात्राओं में करते हैं.
तीसरा पासपोर्ट मैरून रंग का होता है. इसे डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी कहते हैं. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को ‘टाइप डी पासपोर्ट’ भी कहा जाता है. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कुल 5 कैटेगरी के लोगों को जारी किया जाता है. पहला राजनयिक दर्जा रखने वाले लोग, दूसरा भारत सरकार के ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जो सरकारी काम से विदेश जाते हैं. तीसरा विदेश सेवा के ए और बी ग्रुप के अधिकारी, चौथा विदेश मंत्रालय और आईएफएस की फैमिली और पांचवां सरकार की ओर अधिकारिक यात्रा करने वाले व्यक्ति होते हैं. जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, राजनेता और उनकी पत्नी आते हैं.
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्यों वीवीआईपी
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को वीवीआईपी पासपोर्ट भी कहा जाता है. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर्स को किसी भी देश जाने के लिए किसी तरह की वीजा फीस नहीं देनी पड़ती है. विदेश में उन पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती और उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता है.
प्रज्वल रेवन्ना केस
गौरतलब है कि प्रज्वल के विदेश भागने के बाद से ही डिप्लोमेटिक पासपोर्ट चर्चा का विषय है. दरअसल भारत का 34 देश के साथ वीजा वेवर एग्रीमेंट है. इसके मुताबिक डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर्स को इन देशों की यात्रा के लिए किसी तरह की वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. इस एग्रीमेंट के तहत डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर इन देशों में 30 से 90 दिनों तक रुक सकता है. प्रज्वल रेवन्ना भी इसी के तहत देश छोड़कर भाग पाया है.
कैसे रद्द होगा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
अब सवाल ये है कि आखिर कैसे सरकार डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को रद्दा कर सकता है. जानकारी के मुताबिक कोई गलत सूचना देता है या किसी आपराधिक मुकदमे में सजा होती है या उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है तो डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द हो सकता है. पासपोर्ट एक्ट 1967 के सेक्शन 10(3) में पासपोर्ट रद्द करने से जुड़े प्रावधान हैं.
क्या है एक्ट 1967
पासपोर्ट एक्ट 1967 के सेक्शन 10(3) के मुताबिक कोई भी पासपोर्ट धारक यदि किसी भी तरह की गलत सूचना देता है. इसके अलावा उसका पासपोर्ट किसी भी तरीके से देश की संप्रभुता, एकता और गरिमा के खिलाफ है, आपराधिक मामले का सामना कर रहा है. इस स्थिति में पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है. अब वहीं अगर प्रज्वल रेवन्ना के मामले की बात करें तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. ऐसी स्थिति में पासपोर्ट रद्द हो सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सरकार कैंसिल होता है, तो जर्मनी उन्हें भारत डिपोर्ट कर सकता है.
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