दिल्ली में चुनाव के दौरान कौन जब्त कर सकता है आपका कैश? जान लीजिए नियम
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आचार संहिता के समय कैश जब्त होने पर उसका क्या होता है ? जानिए इसको लेकर क्या कहता है नियम.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब महज सिर्फ 22 दिन ही बचे हैं. दिल्ली में चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू है. लेकिन क्या आप जानते हैं आचार संहिता के समय आप कितना कैश लेकर सफर कर सकते हैं और इसको कौन जब्त करता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी 2025 के दिन होगा. वहीं 8 फरवरी को इसके नतीजे आएंगे. दिल्ली चुनाव में इस बार 1.55 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2020 में मतदाताओं की संख्या करीब 1.47 करोड़ थी. इसमें 79.86 लाख पुरुष, 67.30 लाख महिलाएं और 1176 थर्ड जेंडर मतदाता थे. जबकि इस बार चुनाव में 1.55 करोड़ मतदाता हैं. इनमें 83.49 लाख पुरुष, 71.74 लाख महिलाएं और 1261 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.
दिल्ली में जब्त हो सकता है कैश?
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है. इस दौरान अधिक संख्या में कैश लेकर जाने पर रोक है, वहीं अगर कोई व्यक्ति कैश लेकर जाता है, तो उसे कैश का पूरा विवरण देना होगा. ऐसा नहीं करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
कहां जाता है कैश?
चुनाव के समय कैश पकड़े जाने पर पुलिस या चुनाव आयोग द्वारा तैनात कर्मियों को इसकी सूचना तुरंत देनी होती है. देश में चुनावों को संचालित करने वाले जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक धनबल के जरिए चुनावों को प्रभावित करना गैरकानूनी है. कानून के मुताबिक 10 लाख से ज्यादा का कैश जब्त किए जाने पर उसे जिले की ट्रेजरी में जमा कराना होता है. इतना ही नहीं 10 लाख से ज्यादा का कैश जब्त होने पर इनकम टैक्स के नोडल अधिकारी को इसकी सूचना देना भी जरूरी है.
कहां जाता है जब्त किया गया पैसा?
अब सवाल ये है कि जो कैश चुनाव के समय जब्त होता है, वो कहां जाता है. पुलिस चुनाव के दौरान जो भी कैश जब्त करती है, उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है. हालांकि इसके बाद जिस शख्स से कैश बरामद हुआ है, वो इस पर क्लेम कर सकता है. यानी अगर कोई शख्स ये साबित करने में सफल रहता होता कि ये पैसा उसका अपना है और इसकी पूरी जानकारी सबूत के तौर पर पेश करता है. उस स्थिति में उसे पैसा वापस दे दिया जाता है. वहीं अगर कोई पैसे पर क्लेम नहीं करता है, तो इसे सरकारी खजाने में ही रखा जाता है. क्लेम करने के लिए आपके पास एटीएम ट्रांजेक्शन, बैंक की रसीद या पासबुक एंट्री होनी चाहिए.
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