भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की स्थिति अभी भी अच्छी नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश के कई इलाकों में अभी भी आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं. हालांकि सेना और सरकार वापस से बांग्लादेश में शांति बहाल करने का प्रयास कर रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते दिनों बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश कौन दिया था? सवाल ये है कि किसी भी देश में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश कौन देता है.
बांग्लादेश
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और भारत आने के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस ने पीएम पद की शपथ ली है. पीएम यूनुस के साथ-साथ 16 और सहयोगियों ने भी शपथ ली है, जिसमें 2 महिलाओं और 2 हिंदुओं को भी शामिल किया गया है. हालांकि अभी बांग्लादेश में हिंसा पूरे तरीके से नहीं रूका है. आज हम आपको बताएंगे कि बांग्लादेश में प्रदर्शन के समय प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश किसने दिया था.
गोली चलाने का आदेश
अब सवाल ये है कि किसी भी देश में किसी भी स्थिति में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश कौन देता है. जानकारी के मुताबिक किसी भी देश में सरकार के पास ही सुरक्षा से जुड़े सभी बड़े फैसले लेने का अधिकार होता है. हालांकि इसके लिए अलग-अलग मंत्रालय बने होते हैं, जिसमें गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय शामिल है. लेकिन किसी भी विशेष या आपात स्थिति में देश की सरकार उस पर फैसला लेती है, जिसके बाद संबंधित मंत्रालय और विभाग की तरफ से आदेश जारी किया जाता है.
बांग्लादेश की स्थित में भी माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से ही फैसला लिया गया था. हालांकि पूर्व पीएम शेख हसीना के पुत्र सजीब वाजेद ने आईएएनएस से खास बातचीत में कुछ बातों का जिक्र किया है. जिसमें वाजेद ने पश्चिमी देशों में सक्रिय बांग्लादेश के विरोधी समूहों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कुछ पश्चिमी समूह विरोध को भड़काते रहे, प्रदर्शनकारी पीएम आवास पर मार्च कर रहे थे और मेरी मां देश नहीं छोड़ना चाहती थी. मैंने उनसे बात की और उन्हें देश छोड़ने के लिए आश्वस्त किया था, क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करती तो प्रदर्शनकारी उन्हें मार डालते.
सजीब वाजेद के मुताबिक बांग्लादेश में फैली हिंसा के बावजूद उनकी मां ने आदेश दिया था कि प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी मां ने पुलिस और सेना को आदेश दिया था कि प्रदर्शनकारियों को नहीं मारना है. इसलिए जब प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास पर मार्च किया, तो सेना ने ढाका की सीमाओं पर बैरिकेड लगाए थे और सेना ने हवा में गोलीबारी की थी.
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