आज एयरपोर्ट,मॉल, रेस्तरां से लेकर हर बाजारों तक कॉफी की आउटलेट देखते होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी की खोज किसने की थी, आखिर ये कॉफी पूरी दुनिया तक कैसे पहुंची है. आज जिस कॉफी का आप बहुत आसानी से सेवन कर पाते हैं, दरअसल इसके पीछे एक बहुत लंबी कहानी छिपी हुई है. आज हम आपको बताएंगे कि कॉफी की खोज कैसे हुई थी और आज के वक्त किस देश में इसका सबसे अधिक उत्पादन होता है.
कॉफी की खोज
जानकारी के मुताबिक कॉफ़ी की खोज इथियोपिया में 9वीं शताब्दी के दौरान हुई थी. उस वक्त जहांकाल्दी नामक गड़रिए अपने भेड़ों को लेकर जंगलों में गया था. इस दौरान उसने देखा कि उसके भेड़ कुछ लाल रंग की बेरी खाकर कूद-फांद कर रहे हैं. गड़रिए ने देखा कि भेड़ अनजानी लाल रंग की बेरी खाने के बाद ऐसा कर रहे हैं. इसके बाद काल्दी ने भी उन बेरी को चखा और उसको अपने शरीर में ऊर्जा महसूस हुई. जिसके बाद काल्दी ने बेरीज़ तोड़कर रखा और उन्हें लेकर साधुओं के मठ पहुंचा था.
हालांकि बेरी को लेकर साधुओं ने कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी. एक साधु ने इस बेरी को जलते हुए आग में फेंक दिया, लेकिन कॉफ़ी के जलने से जो सुगंध वहां फैली, उसने सभी साधुओं का ध्यान आकर्षित किया. इस बीन को निकालकर उसे कूटकर उसमें गर्म पानी में डाल दिया गया. साधुओं ने जब इसे पीया तो उन्हें भी ऊर्जा महसूस हुई थी और नींद थकान इससे दूर हो गया था.
कॉफी का उत्पादन
बता दें कि दुनियाभर में कॉफी उत्पादन पहले के मुकाबले कॉफी कम हुआ है. आज के वक्त ब्राजील में 26 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कॉफी का उत्पादन होता है. ब्राजील के बाद वियतनाम, पेरू और इंडोनेशिया जैसे देशों में कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. बता दें कि भारत भी टॉप-10 की लिस्ट में शामिल है. हालांकि एक्सपर्ट के मुताबिक क्लाइमेंट चेंज होने के कारण कॉफी का उत्पादन बहुत कम हो रहा है. अगर स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी तो 2050 तक कॉफी उत्पादन में ज्यादा कमी आ सकती है, जिससे इसकी पहुंच कम लोगों तक होगी.
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