हाल ही में भारत के 5 राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं जिनमें एक राज्य था मध्य प्रदेश.  मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 230 में से 163 सीट अपने नाम करते हुए बहुमत हासिल किया।  आज यानी 11 दिसंबर को भारत जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में अपनी सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है.  भारतीय जनता पार्टी ने बड़े फेरबदल करते हुए कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की  जगह डॉक्टर मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है.  इसके साथ ही दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं. कौन बनाता है डिप्टी सीएम? कितनी होती है डिप्टी सीएम के पास पावर?  कितना मिलता है वेतन? आइए जानते हैं. 


मुख्यमंत्री के कहने पर बनाए जाते हैं डिप्टी सीएम 


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत डिप्टी सीएम को संवैधानिक दर्जा हासिल है. किसी भी राज्य में जब सरकार बनती है तो राज्यपाल उस राज्य के मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है. उसके बाद उस मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल राज्य के डिप्टी सीएम नियुक्त करता है.  आज यानी 11 दिसंबर को ही मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है तो वहीं उनकी सिफारिश पर जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। 


कैबिनेट मंत्री के समान मिलते हैं वेतन-भत्ते


प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद के बाद डिप्टी सीएम का पद भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.  उप मुख्यमंत्री को एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है. उसी के बराबर कर रहित वेतन और अन्य भत्ते दिए जाते हैं.  इसके साथ ही वह सरकार में अन्य विभागों को भी संभाल सकता है.  उपमुख्यमंत्री होने के नाते ऐसा देखने को मिला है किमुख्यमंत्री अक्सर उन्हें बड़े विभाग सौंपते हैं। 


साल 1946 में पहली बार बिहार में बना था उपमुख्यमंत्री 


भारत में किसी भी राज्य के डिप्टी सीएम का पद संभालने वाले पहले नेता थे कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिन्हा. साल 1946 में उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम का पद संभाला था. वह 11 साल तक 1957 तक इस पद पर अपने निधन तक बन रहे थे फिलहाल देश के कई राज्यों में डिप्टी सीएम के पद जारी हैं.