दिल्ली में सबसे पहले किसने बनाई थी सरकार, जानें कौन था राजधानी का पहला सीएम
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजाद भारत में दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री कौन था और किस पार्टी से चुना गया था. जानिए कब हुआ था दिल्ली का पहला चुनाव.
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख पार्टियों ने कमर कस लिया है. वहीं दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस बार आम आदमी पार्टी कि अगर जीत होती है, तो अरविंद केजरीवाल दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में सबसे पहले मुख्यमंत्री कौन और किस पार्टी से बना था.
दिल्ली चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सत्ता पाने के लिए मुख्य लड़ाई आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में है. चुनाव की तैयारी को लेकर दिल्ली के पूर्व सीएम और दिल्ली की अभी सीएम आतिशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में जब पहली बार चुनाव हुआ था, तो किस पार्टी ने जीत हासिल की थी. आज हम आपको बताएंगे कि आजाद भारत में दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री कौन था.
दिल्ली का पहला सीएम कौन था?
बता दें कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश को दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया था. वहीं दिल्ली में पहली बार 1952 में चुनाव कराया गया था. हालांकि चुनावों के बाद देशबंधु गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्लेन क्रैश में उनकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद चौधरी ब्रह्म प्रकाश को दिल्ली का सीएम बनाया गया था, वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे. इतिहासकारों के मुताबिक आजादी आंदोलन में वह कई बार जेल भी गए थे. चौधरी ब्रह्म प्रकाश 17 मार्च 1952 से लेकर 12 फरवरी 1955 तक दिल्ली के सीएम के पद पर थे.
दिल्ली में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कांग्रेस का राज
आजाद भारत में कांग्रेस पार्टी की सरकार केंद्र के साथ अधिकांश राज्यों में थी. दिल्ली में भी कांग्रेस पार्टी के ही मुख्यमंत्री लंबे समय तक थे. दिल्ली के दूसरे मुख्यमंत्री गुरुमुख निहाल सिंह थे. उनका कार्यकाल 12 फरवरी 1955 से एक नवंबर 1956 तक था. हालांकि इससे पहले गुरुमुख सिंह 1952 के आम चुनाव में उन्हें दिल्ली विधानसभा का सदस्य चुना गया था. उन्होंने उस वक्त लंदन विश्वविद्यालय से बीएससी (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई की थी. इसके बाद 1920 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में बतौर प्राध्यापक नियुक्त हुए थे. जिसके बाद 1950 में वो दिल्ली के श्रीराम कॉलेज के प्राचार्य भी नियुक्त हुए थे.
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