15 अगस्त 1947 को जो हिस्सा भारत से अलग हुआ उसे आज दुनिया पाकिस्तान के नाम से जानती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस जमीन के टुकड़े को पाकिस्तान नाम किसने दिया था. अगर आपके मन में मोहम्मद अली जिन्ना का नाम आ रहा है तो आप गलत हैं. चलिए इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर वो शख्स कौन था जिसके मन में पहली बार पाकिस्तान नाम आया था.


पाकिस्तान नाम देने वाला शख्स कौन था


भारत के बंटवारे का चेहरा भले ही जिन्ना थे, लेकिन धर्म के आधार पर मुस्लिमों का एक अलग देश पाकिस्तान होना चाहिए इसे लेकर सबसे पहले विचार चौधरी रहमत अली ने रखा था. उन्हीं का विचार था कि भारत के चार बड़े मुस्लिम बाहुल्य राज्यों को मिलाकर एक नया देश बनाना चाहिए, जिसका नाम पाकिस्तान हो.


कौन थे चौधरी रहमत अली


चौधरी रहमत अली का जन्म 16 नवंबर 1897 को पंजाब के बालाचौर में हुआ था. अब पंजाब का यह हिस्सा पाकिस्तान में है. चौधरी रहमत अली अच्छे घर से थे, इसलिए उनकी पढ़ाई लिखाई भी बेहतर हुई. शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए वो कैंब्रिज यूनिवर्सिटी गए. हालांकि, इतनी शिक्षा हासिल करने के बाद भी उनके भीतर की सांप्रदायिक सोच समाप्त नहीं हुई. यही वजह रही कि वहां से आने के बाद वो पाकिस्तान के पक्षधर बने. चौधरी रहमत अली की सांप्रदायिक सोच का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पढ़ाई के दौरान 1930 के आसपास ही वो चाहते थे कि दक्षिए एशिया में एक मुस्लिम देश होना चाहिए.


इसके बाद भी गुमनाम रहे


चौधरी रहमत अली ने पाकिस्तान की नींव भले रखी रखी लेकिन अंत में बाजी मोहम्मद अली जिन्ना ने मार ली. चौधरी रहमत अली के विचारों को आगे बढ़ाते हुए जिन्ना ने पाकिस्तान का खूब प्रचार प्रसार किया और फिर अपनी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग बनाकर पाकिस्तान बनाने का सारा क्रेडिट खुद ले लिया. जिस चौधरी रहमत अली ने पाकिस्तान की नींव और विचार रखे वो आखिरी समय में इग्लैंड में गुमनामी का जीवन जीने पर मजबूर रहे. स्थिति तो ये है कि शायद आज पाकिस्तान के ज्यादातर लोग भी ना जानते हों कि चौधरी रहमत अली कौन थे या फिर उन्होंने पाकिस्तान को बनाने के लिए क्या-क्या किया था.


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