राज्यपाल को हटाने का किसके पास है अधिकार, जानिए संविधान में इसके लिए क्या हैं नियम?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदेश पर देश के कई राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यपाल को पद से हटाने का अधिकार किसके पास है और इसको लेकर क्या नियम हैं.
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदेश पर देश में राज्यपालों का बड़ा फेरबदल हुआ है. जहां एक तरफ राष्ट्रपति मुर्मू ने ओडिशा के राज्यपाल पद से रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार किया है. इसके अलावा भी राष्ट्रपति मुर्मू के आदेश पर बिहार, मिजोरम,केरल और मणिपुर के राज्यपाल बदले गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यपाल का कार्यकाल कितने साल का होता है.
इन राज्यों में बदले गए राज्यपाल
राष्ट्रपति मुर्मू ने ओडिशा के राज्यपाल पद से रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार किया है. जिसके बाद उनकी जगह पर हरिबाबू का राज्यपाल नियुक्त किया है. इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अब बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया है. वहीं पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का गवर्नर बनाया गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू ने मिजोरम के गवर्नर हरि बाबू को ओडिशा का और जनरल वीके सिंह को मिजोरम का गवर्नर बनाया गया है.
कितने साल का होता है राज्यपाल का कार्यकाल?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 156 के मुताबिक राज्यपाल अपने पद ग्रहण करने की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद पर बने रह सकते हैं. यानी राज्यपाल का कार्यकाल पांच वर्षों को होता है. वहीं राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए. इसके अलावा राज्यपाल नियुक्त होने वाले व्यक्ति की उम्र पैंतीस वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए.
राज्यपाल को कौन हटा सकता है?
अब सवाल ये है कि देश में राज्यपाल को आखिर कौन हटा सकता है? बता दें कि देश के किसी भी राज्य के राज्यपाल या उपराज्यपाल को हटाना है या नहीं, इसका अंतिम फैसला देश के राष्ट्रपति करते हैं. हालांकि संविधान के अनुच्छेद 74 में मुताबिक राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके प्रमुख प्रधानमंत्री होंगे. संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाल पर ही अपने फैसले लेंगे.
राज्यपाल खुद भी दे सकते हैं इस्तीफा?
बता दें कि राज्यपाल खुद से भी इस्तीफा दे सकते हैं. संविधान के आर्टिकल 156 के मुताबिक राज्यपाल अपनी इच्छा से अपना पद छोड़ सकते हैं, इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करना होता है. राष्ट्रपति के इस्तीफा मंजूर करने के तुरंत प्रभाव से वो राज्यपाल अपने पद से मुक्त हो जाते हैं.
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