यह सवाल शायद कई लोगों के मन में आता होगा कि आखिर बबलगम का आविष्कार किसने किया और कैसे? यह मीठा और चबाने वाला पदार्थ आज हमारे जिंदगी का खास हिस्सा बन चुका है. बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई बबलगम चबाना पसंद करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बबलगम का इतिहास कितना पुराना है?


बबलगम का इतिहास


बबलगम का इतिहास बहुत पुराना है. प्राचीन काल से ही लोग अलग-अलग तरह की चीजें चबाते रहे हैं. माना जाता है कि मेसोअमेरिकी लोग चिक्ले नामक एक पेड़ की राल को चबाते थे. इस राल में कुछ प्राकृतिक गुण होते थे जो दांतों को साफ करने और सांस की बदबू दूर करने में मदद करते थे.


19वीं सदी में अमेरिका में चबाने वाली गम को व्यावसायिक रूप से उत्पादित किया जाने लगा. उस समय यह गम मुख्य रूप से रबर से बनाया जाता था, लेकिन बबलगम का आविष्कार कुछ और ही था.


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बबलगम का आविष्कारक


बबलगम के आविष्कारक के बारे में कोई एक निश्चित व्यक्ति का नाम लेना मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि बबलगम का विकास एक लंबी प्रक्रिया रही है, जिसमें कई लोगों ने योगदान दिया है.


विलियम जे. रिगले जूनियर: इन्हें आधुनिक बबलगम के पिता कहा जाता है. उन्होंने 1892 में अपनी कंपनी Wrigley's Spearmint Gum शुरू की. उन्होंने चबाने वाली गम के साथ छोटे-छोटे बेकिंग पाउडर के पैकेट दिए थे. लोगों को बेकिंग पाउडर लेने की बजाय गम चबाना ज्यादा पसंद आया. इसी से उन्हें बबलगम बनाने का आइडिया मिला.


वॉल्टर डायमंड: इन्होंने 1928 में पहली बार बबलगम बनाने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए गम बेस का पेटेंट कराया.


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बबलगम बनाने का आइडिया कैसे आया?


बबलगम बनाने का आइडिया कई चीजों को देखकर आया.


चबाने वाली गम की लोकप्रियता: चबाने वाली गम पहले से ही काफी लोकप्रिय थी. लोगों को चबाने की चीजें पसंद थीं.


बच्चों की जिज्ञासा: बच्चों को हमेशा कुछ नया करने की इच्छा होती है. उन्होंने चबाने वाली गम को चबाते हुए बुलबुले बनाने शुरू कर दिए.


उद्यमियों की दूरदर्शिता: विलियम जे. रिगले जूनियर जैसे उद्यमियों ने इस अवसर को पहचाना और बबलगम को एक नए उत्पाद के रूप में विकसित किया.


कैसे बनती है बबलगम?


बबलगम बनाने की प्रोसेस काफी कठिन होती है. इसमें कई चरण शामिल होते हैं.



  1. बेस तैयार करना बबलगम बनाने के लिए एक विशेष प्रकार के गम बेस का उपयोग किया जाता है. इस बेस को विभिन्न प्रकार के रबर, मोम और स्वाद से मिलाया जाता है.

  2. मिक्सिंग: सभी सामग्री को एक साथ मिलाकर एक चिपचिपा मिश्रण बनाया जाता है.

  3. शेपिंग: इस मिश्रण को विभिन्न आकारों और रंगों में ढाला जाता है.

  4. पैकिंग: तैयार बबलगम को पैक किया जाता है और बाजार में बेचा जाता है.


कैसा है आज का बबलगम


आज बबलगम कई तरह के स्वाद और रंगों में उपलब्ध है. इसमें अलग-अलग तरह के फ्लेवर, जैसे कि फ्रूट, मिंट और कॉफी आदि शामिल हैं. बबलगम को अब अलग-अलग प्रकार के पैकेजिंग में भी उपलब्ध है.


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