अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसके लिए तमाम तैयारियां जोरों शोरों से जारी है. भगवान राम के गुणगान करती हर वो चीज यहां मौजूद है जिसकी आप कल्पना कर सकते हैं. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई नामी ग्रामी लोग भी अयोध्या पहुंच रहे हैं.

इस बीच भगवान राम के बारे में हर वो चीज लोगों द्वारा सर्च की जा रही है जिसे वो जानना चाहते हैं या भूल गए हैं. हालांकि भगवान राम के जीवन के बारे में आपको जब भी ज्यादा जानकारी चाहिए होती है उस समय आप रामायण का रुख करते हैं, जहां उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताई जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इस रामकथा का भगीरथ किसे कहा जाता है.

कौन थे रामायण के भगीरथ?
रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचा गया महाकाव्य है. जिसमें भगवान राम की गाथा का वर्णन किया गया है. जिसके चलते रामायण को आदि काव्य और इसकी रचना करने वाले महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि कहा जाता है. वो वाल्मीकि ही थे कि जिन्होंने रामायण रूपी गंगा को पृथ्वी पर उतारने का काम किया, इसलिए उन्हें रामायण के भगीरथ के रूप में भी जाना जाता है.


लव-कुश ने याद की थी मौखिक कथा
बता दें रामायण महाकाव्य की रचना जब वाल्मिकी ने की थी उससे पहले ये मौखिक रूप से सुनाई जाती थी. जिसे अरसे तक इसी तरह सुनाया जाता रहा. दरअसल भगवान राम के पुत्र लव-कुश ने इस मौखिक काव्य रचना को याद किया और वर्षों तक इसे लोगों तक पहुंचाते रहे. इसी मौखिक काव्य को लिपिबद्ध करने का कार्य महर्षि वाल्मीकि ने किया था. इसलिए उन्हें रामायण के भागीरथ के रूप में भी जाना जाता है. रामायण में 2400 श्लोक, 500 सर्ग और 7 काण्ड हैं.                                      

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