देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल यानी 23 जुलाई के दिन आम बजट पेश करेंगी. इस बजट में सभी मंत्रालय का खर्च और कमाई का लेखा-जोखा रहेगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले भारतीय बजट कौन पेश किया था और किसे भारतीय बजट का संस्थापक कहा जाता है? आज हम आपको बताएंगे कि सबसे पहले भारतीय बजट की शुरूआत किसने किया था.
बजट सत्र
बता दें कि भारतीय संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. कल यानी 23 जुलाई के दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला बजट कौन पेश किया था? बता दें कि भारत का पहला बजट एक अंग्रेज अधिकारी ने पेश किया था.
आजाद भारत का पहला आम बजट
अब सवाल ये है कि भारत की आजादी के बाद देश का पहला आम बजट कौन पेश किया था. बता दें कि 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट पेश किया गया था, जिसे शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. इसलिए शनमुखम चेट्टी को भारतीय बजट का पितामह कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक चेट्टी का जन्म साल 1892 में एक धनी और धार्मिक तमिल परिवार में हुआ था. उनके पिता कांडास्वामी चेट्टियार कोयम्बटूर मिल के मालिक और बिजनेसमैन थे. वहीं चेट्टी ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से डिग्री हासिल की थी.
जानकारी के मुताबिक चेट्टी के पिता की इच्छा थी कि वह सिविल सर्विसेज ज्वाइन करें. इसके लिए पर बचपन से ही चेट्टी अलग ही व्यक्तित्व के धनी थे. चेट्टी कोयम्बटूर म्यूनिसिपैलिटी में पार्षद और वाइस चेयरमैन भी बने थे. साल 1920 से 1921 के बीच वह मद्रास लेजिस्लेटिव एसेंबली के सदस्य भी थे. मद्रास विधानसभा का चुनाव उन्होंने जस्टिस पार्टी के टिकट पर लड़ा था. जिसके बाद साल 1922 में उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दिया था.
राजनीति में सक्रिय
शनमुखम चेट्टी राजनीति में काफी सक्रिय थे. वह साल 1924 में स्वराज पार्टी की ओर से केंद्रीय विधानसभा के लिए चुने गए थे. वहीं साल 1932 में उनको केंद्रीय विधानसभा का उपाध्यक्ष और साल 1933 में अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा साल 1935 में वह चुनाव हार गए थे. इसके बाद दक्षिण की ओर लौट गए और साल 1935 से साल 1941 तक कोचीन राज्य के दीवान भी थे. देश को आजादी मिलने के बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनको अपनी कैबिनेट में वित्त मंत्री बनाया था. स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश करने का श्रेय शनमुखम चेट्टी को जाता है. 5 मई 1953 को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया था.
जेम्स विल्सन ने किया था बजट पेश
ईस्ट इंडिया कंपनी का हिसाब सही नहीं होने पर साल 1860 में कंपनी का खर्च और आमदनी का हिसाब-किताब रखने की जरूरत महसूस होने लगी थी. इसके लिए अंग्रेज अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन को चुना गया था. महारानी विक्टोरिया ने साल 1859 में उन्हें भारत भेजा था, जिससे बजट बनाया जा सके और टैक्स को लेकर कानून बने. जानकारी के मुताबिक भारत में कागज की मुद्रा शुरू करने की योजना भी तभी बनी थी. भारत आने के बाद सात अप्रैल 1860 को शाम पांच बजे अविभाजित भारत का पहला बजट जेम्स विल्सन ने पेश किया था. जेम्स विल्सन ने ही स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द इकोनॉमिस्ट न्यूजपेपर की स्थापना भी की थी. हालांकि यह बजट पेश करने के कुछ महीने बाद ही 11 अगस्त 1860 ईस्वी को जेम्स की भारत में ही मृत्यु हो गई. उनको तब कलकत्ता के चौरंगी लेन में दफनाया गया था.
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