कहां से पकड़ा गया था पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर? जिसे कांधार हाईजैक के बाद छोड़ना पड़ा
भारत में गिरफ्तार आतंकी मसूद अजहर को कंधार हाईजैक के समय आतकिंयों की डिमांड पर छोड़ना पड़ा था.
भारत में आतंकी मसूद अजहर का नाम प्रमुखता से उस वक्त सामने आया था जब इंडियन एयरलाइंस की प्लाइट IC 814 का आतंकियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था. उस समय भारत सरकार को विमान में मौजूद लोगों को बचाने के लिए भारतीय जेलों में बंद तीन आतंकियों को रिहा करना पड़ा. इन तीन आतंकियों में मसूद अजहर का भी नाम था. जिसे अफगानिस्तान के कांधार ले जाकर रिहा किया गया था. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर मसूज अजहर को गिरफ्तार कैसे किया गया था और इसके पीछे की कहानी क्या है.
कैसे भारत आया मसूद अजहर
भारत आने से पहले मसूज अजहर आतंकी दुनिया में अपने पैर पसार चुका था. उसका जन्म 10 जुलाई, 1968 को बहावलपुर में हुआ था. मसूद के पिता बहावलपुर के सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. उसके पांच भाई और छह बहने थीं. पिता के दोस्त के कहने पर उसने कराची की बिनौरी मस्जिद के जामिया इस्लामिया में एडमिशन ले लिया और यहां से अलमिया की परीक्षा पास कर ली. इस यूनिवर्सिटी के बहुत से छात्र हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) के नेताओं के प्रभाव में थे, क्योंकि वे भी वहां छात्र रह चुके थे. लिहाजा मसूद भी उनके काम से प्रभावित हुआ और आतंकी संगठन ज्वाइन कर लिया. मसूद यहां से अफगानिस्तान और फिर पाकिस्तान गया.
ऐसे ही भारत में गिरफ्तारी
भारत में गिरफ्तारी के बाद अपने भारत आने के प्लान के बारे में बताते हुए मसूद ने कहा था, “हरकत-उल-जेहाद (HUJI) और HuM (दोनों ही आतंकी संगठन) को मिलाकर हरकत-उल-अंसार बनने के बाद, दोनों ही दलों के कश्मीर प्रमुख को साथ मिलकर काम करने का संदेश भेजा गया. जनवरी, 1994 में यह तय किया गया कि मुझे भी कश्मीर घाटी में जाना है. इसी वक्त हमें पता चला कि हमारे जारी किए आदेशों को वहां लागू किया जाना शुरू हो गया है, लेकिन मुझे वहां जमीनी स्थिति का पता लगाने और अपने कैडर्स का संबल बढ़ाने को भेजा गया. इसके साथ ही मेरा यह भी काम था कि अगर HuJI और HuM के बीच उभरने वाले मतभेद को दूर करना था. मैं 29 जनवरी, 1994 को ढाका से आने वाली बांग्लादेश बिमान फ्लाइट से दिल्ली आया. मैंने पुर्तगाली पासपोर्ट प्रयोग किया था. तब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ड्यूटी ऑफिसर ने मुझे यह भी कहा था कि मैं पुर्तगालियों की तरह नहीं दिखता हूं. हालांकि जब मैंने उन्हें बताया कि मैं मूल रूप से गुजराती हूं तो उन्होंने मेरे पासपोर्ट पर स्टांप लगाने में देरी नहीं की.”
इसके बाद मसूज अजहर को फरवरी 1994 में श्रीनगर से नई दिल्ली जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था.
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