विदेश में मौजूद भारतीय राजदूतों को कौन देता है सैलरी? जानें किस हिसाब से तय होता है वेतन
भारतीय राजदूतों को सैलरी विदेश मंत्रालय देता है. विदेश में तैनात राजदूतों को मूल वेतन के अलावा विदेशी भत्ता भी मिलता है. विदेशी भत्ता, महंगाई भत्ते से कई गुना ज्यादा होता है.
Who Pays Salaries of Indian Ambassadors: आपने अक्सर सुना होगा कि भारतीय राजदूत अलग-अलग देशों में रहते हैं. इसके अलावा अलग-अलग देशों के राजदूत भारत में रहते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारतीय राजदूतों की सैलरी कौन देता है? इसके अलावा भारतीय राजदूतों की सैलरी किस हिसाब से तय होती है? दरअसल आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय राजदूतों को सैलरी कौन देता है? साथ ही भारत के राजदूतों की सैलरी कैसे तय होती है?
राजदूतों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
भारतीय राजदूतों को सैलरी विदेश मंत्रालय देता है. विदेश में तैनात राजदूतों को मूल वेतन के अलावा विदेशी भत्ता भी मिलता है. विदेशी भत्ता, महंगाई भत्ते से कई गुना ज्यादा होता है. विदेश में तैनात राजदूतों को मुफ्त आवास भी मिलता है. राजदूतों का औसत वेतन 1,00,000 से 2,00,000 रुपये प्रति महीना होता है. भारत में राजदूतों का अनुमानित कुल वेतन 25,143 रुपये प्रति महीना होता है. बताते चलें कि राजदूतों को आम तौर पर उनके देश की सरकार नियुक्त करती है.
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राजदूतों का काम क्या होता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजदूतों का काम अपने देश के हितों का प्रतिनिधित्व करना, विदेशी सरकारों से बातचीत करना, और अपने देश और मेजबान देश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना होता है.
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राजदूत, उच्चतम श्रेणी के राजनयिक होते हैं. राजदूत का मुख्य काम नागरिकों की रक्षा करना, समृद्धि का समर्थन करना, और शांति के लिए काम करना होता है. भारतीय राजदूतों को सैलरी विदेश मंत्रालय देता है. विदेश में तैनात राजदूतों को मूल वेतन के अलावा विदेशी भत्ता भी मिलता है. विदेशी भत्ता, महंगाई भत्ते से कई गुना ज्यादा होता है. राजदूतों का औसत वेतन 1,00,000 से 2,00,000 रुपये प्रति महीना होता है.
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