किसी भी भारतीय नोट को आप देख लें उस पर गांधी जी की एक मुस्कुराती हुई तस्वीर जरूर दिख जाएगी.  सबसे खास बात कि ये तस्वीर गांधी जी की उन तस्वीरों से बिल्कुल अलग है, जो किताबों में और पोस्टरों में दिखती है. इस तस्वीर को देखने के बाद सबके मन में एक ही बात आती है कि क्या गांधी जी की ये तस्वीर खास तौर से नोटों के लिए ही ली गई थी या फिर इसके पीछे कोई और कहानी है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी के पीछे का राज बताएंगे.


कब ली गई थी गांधी जी की यह तस्वीर


आजाद भारत के नोटों पर छपी गांधी जी की यह तस्वीर गुलाम भारत के दौर की है. यानी तब की जब भारत आजाद नहीं हुआ था. अप्रैल 1946 को एक अनजान फोटोग्राफर ने महात्मा गांधी की यह तस्वीर तब ली थी जब महात्मा गांधी ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडेरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस से मिलने गए थे. लॉर्ड फ्रेडेरिक भारत और बर्मा के सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे. यह तस्वीर तत्कालीन वॉयसरॉय के घर पर ली गई थी.  इस घर को आज आप राष्ट्रपति भवन के नाम से जानते हैं.


1996 में जारी हुए थे इस तस्वीर वाले नोट


आरबीआई ने जून 1996 में महात्मा गांधी की इस तस्वीर वाले 10 रुपये और 100 रुपये के नोट जारी किए थे. इन्हें गांधी सीरीज बैंकनोट्स कहा जाता है. इन नोटों पर बापू की ओरिजनल फोटो का मिरर इमेज प्रिंट किया गया है. जबकि,  मार्च 1997 में 50 रुपये और अक्टूबर 1997 में 500 रुपये के गांधी सीरीज वाले नोट जारी किए गए. इसी तरह नवंबर 2000 में 1000 रुपये, अगस्त 2001 में 20 रुपये और नवंबर 2001 में 5 रुपये के नोट जारी किए गए. 500 और 2000 के नए नोट भी गांधी सीरीज के ही हैं.


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